सतना/खरगोन। होलिका दहन के बाद शुरु होने वाले रंगों के त्योहार होली की देशभर में धूम है. बुधवार देर रात सभी जगह होलिका दहन किया गया. सतना और खरगोन होलिका का दहन कर लोगों ने देश में फैली बुराईयों को दूर करने की कामना की.
होलिका दहन के बाद देशभर में रंगों के त्योहार होली की धूम - satna and khargone
देशभर में मनाई जा रही होली की धूम प्रदेश सहित सतना और खरगोन जिले में भी देखने को मिली. जहां लोगों ने पूजा अर्चना के साथ मां होलिका का दहन किया.
सतना और खरगोन में पारंपरिक तरीके से पूजन अर्चन कर होलिका दहन किया गया. साथ ही लोगों ने एक दूसरे को गुलाल लगा कर होली की बधाई दी. होलिका दहन के दौरान लोगों ने लोकगीत गए, तो वहीं कुछ जगह होली के गीतों पर सामूहिक नृत्य भी किया.
होली मनाने के बारे में पंडित गोपाल कृष्ण जोशी ने बताया कि हिरण्यकश्यप अपने आपको भगवान स्वरूप मानने के लिए प्रजा को विवश कर रहा था. तब उसका सबसे पहले विरोध उसके पुत्र और विष्णु भक्त प्रह्लाद ने किया. जिसके बाद हिरण्यकश्यप की बहन होलिका, जिसे अग्नि स्नान की विद्या प्राप्त थी. वो अपनी सिध्दि का प्रयोग करते हुए प्रह्लाद को गोद में बैठा कर अग्नि में बैठ गई. भक्त प्रह्लाद तो भगवान की कृपा से बच गए, लेकिन होलिका जलकर भस्म हो गई. तब से ही यह होलिका पर्व मनाया जाता है.