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बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एसपी भिंड को दिये आदेश, जांच दल गठित कर सौपें स्टेटस रिपोर्ट - gwalior block

जबलपुर हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर पुलिस अधीक्षक भिंड को आदेश दिया है, कि वो पूरे मामले की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय जांच दल का गठन करें और हर सप्ताह उसकी स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें.

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Published : Apr 3, 2019, 11:00 PM IST

Updated : Apr 4, 2019, 8:13 AM IST

ग्वालियर। जबलपुर हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर पुलिस अधीक्षक भिंड को आदेश दिया है, कि वो पूरे मामले की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय जांच दल का गठन करें और हर सप्ताह उसकी स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें.

6 महीने पहले भिंड जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में रहने वाली एक नाबालिक लड़की अचानक गायब हो गई थी. लड़की के परिजनों ने उसे काफी ढूंढने का प्रयास किया लेकिन लड़की का सुराग नहीं लगा. उसके परिजनों ने कोतवाली पुलिस में लड़की की गुमशुदगी का मामला भी दर्ज कराया.
लड़के नाबालिग होने की वजह से पुलिस इसे अपहरण का मामला मान कर जांच कर रही है, जिसके बाद गुमशुदा लड़की के पिता ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने लड़की को बरामद करने के बाद उसे कोर्ट में हाजिर करने के लिए एक आवेदन दिया है.

अधिवक्ता, ग्वालियर


इस पर कोर्ट ने भिंड एसपी को निर्देशित किया है कि वे अपनी अध्यक्षता में एक जांच दल का गठन करें और खुद उसको हैंडल करें. जांच दल हर सप्ताह में अपनी स्टेटस रिपोर्ट से कोर्ट को अवगत कराएं साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जांच दल पांच सदस्यीय होना चाहिए. एसपी भिंड की ओर से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया है जिसमें बताया गया है कि लड़की को ढूंढने एक पुलिस पार्टी गुजरात भी भेजी गई है जहां लड़की का पिता काम करता है.


Last Updated : Apr 4, 2019, 8:13 AM IST

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