भोपाल। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियां प्राप्त करने की कोशिश होगी. आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप निर्माण के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति का मध्यप्रदेश में आदर्श तरीके से क्रियान्वयन किया जाएगा.
एमपी में 600 करोड़ की लागत से विकसित होगा ग्लोबल स्किल पार्क मुख्यमंत्री ने बताया कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में 600 करोड़ की लागत से सिंगापुर के सहयोग से ग्लोबल स्किल पार्क के विकास की योजना है. इसके क्रियान्वयन की गति बढ़ाई जाएगी. सेमिनार में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल भी जुड़े. उन्होंने कहा कि विचार विमर्श से कई महत्वपूर्ण सुझाव मिलते हैं, देश की नई शिक्षा नीति के लिए करीब सवा दो लाख सुझाव मिले थे.
वेबिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किताबी ज्ञान के साथ विद्यार्थियों को कौशल भी मिले. यह हमारा लक्ष्य है, शिक्षा को विश्व स्तरीय बनाने पर ध्यान देंगे. नए स्कूल खोलने का फैशन बढ़ गया है, गिने-चुने स्टूडेंट संख्या के बावजूद स्कूल खोलना ठीक नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा घर हमारा विद्यालय के अंतर्गत बच्चों को घर बैठे सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा पहुंचाई गई है. मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा ले रहे स्टूडेंट से अपील की है कि सिर्फ फैशन के लिए मास्टर डिग्री ज्वाइन न करें. आज हर स्थान पर कॉलेज के लिए मांग आती है, लेकिन पाठ्यक्रम की उपयोगिता सिद्ध हो विद्यार्थी इसे ध्यान में रखें, तकनीकी ज्ञान हासिल करने वाले बच्चे शत प्रतिशत प्लेसमेंट का लाभ लें. उन्होंने कहा कि आमतौर पर सभी कार्यों के लिए लोग नहीं मिलते, जबकि बेरोजगारी की बात सुनते हैं. हमें इस गैप को खत्म करना है.
वहीं केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि विचार विमर्श से महत्वपूर्ण सुझाव मिलते हैं. भारत की नई शिक्षा नीति के लिए करीब सवा दो लाख सुझाव प्राप्त हुए. नई शिक्षा नीति से कक्षा छठवीं क्लास में व्यवसायिक शिक्षा से जुड़ जाएंगे, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई बच्चा शिक्षा से नहीं छूटेगा. करीब ढाई करोड़ विद्यार्थी के प्रभाव को समाप्त करने में मदद मिलेगी.