ग्वालियर। शहर की मुरार नदी सहित कई नाले अतिक्रमण की चपेट में हैं, लोग नदी-नालों को भरकर उन पर घर बना लिए हैं, जिसके चलते शहर से नदी और नाले पूरी तरह से गायब हो चुके हैं. जिससे बारिश के समय शहर में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद कलेक्टर ने 1940 के नक्शों से मिलान करने का आदेश दिया है.
बारिश से पहले नदी-नालों को अतिक्रमण मुक्त करने की तैयारी, 1940 के नक्शे से होगा मिलान - gwalior news
ग्वालियर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ 1940 के नक्शों से मिलान करने का कलेक्टर ने आदेश दिया है. जिससे शहर के नदी और नाले पुराने स्वरूप में आ जाएंगे.
शहर के नदी-नालों पर अवैध अतिक्रमण की वजह से बारिश में पानी निकलने के लिए कोई जगह नहीं है, जिसके संबंध में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन ने शहर के जिन नदी-नालों पर अतिक्रमण किया गया है, उनको पुराने स्वरूप में लौटाने के लिए 1940 के नक्शे से मिलान करने की तैयारी में है. इस नक्शे के माध्यम से जिला प्रशासन नदी और नाले के आसपास अतिक्रमण चिह्नित कर कार्रवाई करेगा.
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने क्षेत्र के पटवारियों को आदेश दिए हैं कि 1940 के नक्शे के हिसाब से मुरार नदी की जमीन और नालों की पड़ताल की जाए, जहां भी अतिक्रमण किया गया है, वहां एसडीएम के माध्यम से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाए, साथ ही नदी के दोनों तरफ सड़क के लिए जगह छोड़कर पौधरोपण किए जाने की बात कही है.