बुरहानपुर। जिले में जल संकट के हालात से निपटने के लिए जिला प्रशासन अभी से अलर्ट हो गया है. आने वाले दिनों में पानी की पूर्ति को देखते हुए प्रशासन इसके अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है. भूमिगत जल स्त्रोत के प्रोत्साहन के लिए प्रशासन ने जल और पर्यावरण विशेषज्ञों की टीम से जल संरक्षण को लेकर चर्चा की.
बुरहानपुर: जल संकट से निपटने के लिए पर्यावरण विशेषज्ञों से ली जा रही है राय
बुरहानपुर में जल संकट के हालात से निपटने के लिए जिला प्रशासन अभी से अलर्ट हो गया है. आने वाले दिनों में पानी की पूर्ति को देखते हुए प्रशासन इसके अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है. भूमिगत जल स्त्रोत के प्रोत्साहन के लिए प्रशासन ने जल और पर्यावरण विशेषज्ञों की टीम से जल संरक्षण को लेकर चर्चा की.
जल और पर्यावरण विशेषज्ञों ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर कुंडी भंडारा की बारीकियों को समझा. इसके लिए विरान पड़ी सतपुड़ा पहाड़ियों को फिर से हरा भरा करने के लिए वृक्षारोपण प्रोजेक्ट तैयार किए गये हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्व में इस सतपुड़ा पर्वत पर हरियाली होने से पेड़ों के जरिए रिसने वाला पानी कुंडी भंडारे में संग्रहित होता था. लेकिन कटे पड़ों के बाद इलाके में जल संकट गहराता गया. दम तोड़ते विश्व की अद्वितीय संरचना कुंडी भंडारा को वृक्षारोपण के जरिये दोबारा पहले जैसा किया जा सकता है.
बता दें कि भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने के लिए बारिश के सीजन में ऐतिहासिक कुंडी भंडारा से लगी सतपुडा पहाड़ियों में वृक्षारोपण कराया जाएगा. जिससे कुंडी भंडारा और आसपास के इलाकों में जमीन का जलस्तर बढ़ने में मदद मिलेगी.