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फाइनेंस बैंकों से परेशान ऑटो चालकों ने मांगा राहत पैकेज, मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग - Auto drivers

पिछले तीन महीने से आर्थिक संकट से जूझ रहे ऑटो और टेंपो चालक अब फाइनेंस कर्ता बैंकों की दबाव से परेशान है. आर्थिक तंगी के चलते समय पर किश्ते नहीं चुकाने पर बैंकों ने कई वाहनों को जब्त कर लिया है. ऑटो चालकों ने इस मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है.

Auto operators worried about financier's harassment in gwalior
Auto operators worried about financier's harassment in gwalior

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Published : Jun 21, 2020, 11:51 PM IST

ग्वालियर। पिछले तीन महीने से आर्थिक संकट से जूझ रहे ऑटो और टेंपो चालक अब फाइनेंस कर्ता बैंकों की दबाव से परेशान हैं. आर्थिक तंगी के चलते समय पर किश्ते नहीं चुकाने पर कई ऑटो और टेंपो चालकों के वाहनों को बैंकों ने जब्त कर लिया है. ऑटो चालकों का आरोप है कि वो पहले से ही बिना काम धंधे के हैं, ऊपर से उन्हें बैंक की प्रताड़ना भी झेलनी पड़ रही है.

फाइनेंसर की प्रताड़ना से परेशान हैं ऑटोचालक
कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण निम्न मध्यमवर्गीय और मजदूर पेशा लोग ही परेशान नहीं हैं, बल्कि यात्रियों को यातायात की सुविधा मुहैया कराने वाले टेंपो और ऑटो चालक भी परेशान हैं. जिले में ऐसे कई टेंपो और ऑटो चालक हैं, जिन्होंने अपने वाहनों को राष्ट्रीय कृत और निजी बैंकों से फाइनेंस कराया है. कोरोना काल में वे बेरोजगार रहे, इसलिए फाइनेंस की किश्तें नहीं चुका पाए. अब फाइनेंस करने वालों ने उनकी गाड़ियों को खिंचवाना शुरू कर दिया है.खास बात यह है कि रिजर्व बैंक पहले ही घोषणा कर चुका है कि फाइनेंस शुदा वाहनों पर किश्ते जमा करने के लिए जबरिया दबाव नहीं डाला जाएगा और ना ही इस दौरान उनसे ब्याज वसूला जाएगा. बावजूद इसके बैंक अपनी मनमानी पर आमादा हैं. ऑटो और टेंपो यूनियन ने इस पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दखल देने की मांग की है. उनका कहना है कि ट्रेनों का संचालन सामान्य रूप से नहीं हो सका है, वहीं बसें बंद हैं. ऐसे में उन्हें गिने-चुने यात्री मिल रहे हैं. जिससे वे फाइनेंस की किश्तें किस तरह चुका सकते हैं. इसलिए उन्हें विशेष पैकेज दिया जाए.

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