दमोह।जिले के हटा नगर से महज दो किलोमीटर दूर हटा-पटेरा मार्ग पर बोरीखुर्द गांव में एक मजदूर परिवार का घर जलकर खाक हो गया. जब घर जला तो जो कपड़े शरीर पर थे वही कपड़े शेष बचे. बाकि सब कुछ जलकर खाक हो गया था. घटना के 10 दिन बाद भी इस परिवार को किसी भी प्रकार की कोई सरकारी मदद नहीं मिली है, न ही कोई इस पीडित परिवार की व्यथा देखने पहुंचा है. जनप्रतिनिधि तो लगभग गायब ही हैंं. पीड़ित परिवार मदद की गुहार लगा रहा है लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है.
पीड़ित परिवार का मुखिया रोजी-रोटी की तलाश में मजदूरी करने हरियाणा गया था, जो अभी भी लॉकडाउन के कारण फंसा हुआ है. वहींं परिवार को संभाल रही हेमा कुशवाहा ने बताया कि कच्चे मकान में आग लगने से घर का छप्पर नीचे आ गया, जिससे घर धराशायी हो गया. हमारे सारे कागजात आग में ही जलकर खाक हो गए हैंं. अब न तो राशन कार्ड है और न ही समग्र आईडी सब कुछ आग ने जला दिया. ग्राम पंचायत से भी सहायता के लिए कोई नहीं आया है. हटा से आए कुछ लोगों के द्वारा बर्तन, कपडे, बिस्तर, राशन, पानी आदि दिया गया है.
मजदूर के घर में लगी आग, सारा सामान जलकर हुआ खाक - मजदूर परिवार का घर जलकर राख
दमोह के हटा शहर से सटे गांव बोरीखुर्द में एक मजदूर के घर में आग लग गई, जिसमें उसका सारा सामान जलकर राख हो गया. अब पीड़ित परिवार प्रशासन से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहा है.
कच्चे मकान में रहने वाले इस परिवार का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में भी नहीं जुड़ा है. सरकार जहां गरीब की दहलीज तक योजना का लाभ पहुंचाने का वादा कर रही है, वहींं इस पीड़िता के पास यह भी जानकारी नहीं है कि सहायता के लिए किस सरकारी कार्यालय के दरवाजे पर जाएं. जहां वह रह रही हैं, उसके आसपास भी कोई घर खाली नहीं, जहां वह किराए से भी रह सकें. परिवार के पांच सदस्य खुले मैदान में रहने को मजबूर हैं.
जनपद पंचायत हटा के सीईओ आशीष अग्रवाल ने बताया कि इस परिवार का किसी भी सूची में नाम नहीं है. इसके बावजूद भी सारे दस्तावेज तैयार करने और यथासंभव मदद के लिए पंचायत को निर्देश दिए गए हैं. पीड़ित परिवार मदद के लिए गुहार लगा रहा है.