खूंटी में बच्चों ने निकाला कैंडल मार्च, बाल विवाह रोकने का लिया संकल्प - सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत अभियान
बाल विवाह मुक्त भारत बनाने के लिए खूंटी में रविवार को सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत अभियान (Safe Childhood Safe India Campaign) की शुरुआत की गई. कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के तत्वावधान में खूंटी के आशा किरण, सहयोग विलेज, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मुरहू, उर्सलाइन कॉन्वेंट स्कूल खूंटी के बच्चों ने जिले के 20 गांवों में प्रभात फेरी निकाली (Candle March In Khunti). इस दौरान बच्चों ने कैंडल लाइट जला कर बाल विवाह रोकने की शपथ ली. बच्चों ने संकल्प लिया कि गांव में बाल विवाह नहीं होने देंगे और ऐसे किसी आयोजन में शामिल नहीं होंगे जहां बाल विवाह हो रहा है. साथ ही इसकी रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास करेंगे, जिससे हर बच्चा शिक्षित हो सके. इस दौरान बच्चों ने बाल विवाह को रोकने के लिए कई नारे भी लगाए. लोगों को बताया गया कि भारत सरकार की साल 2011 की जनणगणना के अनुसार देश में साल 2011 में 52 लाख नाबालिग लड़कियों का बाल विवाह कराया गया था. बाल विवाह और बच्चों के यौन शोषण को रोकने के लिए कई कानून होने के बावजूद आज भी बाल विवाह का सिलसिला जारी है. अभियान में सीडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन तनुश्री सरकार, महिला थाना प्रभारी दुलारमनी टुडू, बाल संरक्षण इकाई के मो. शमीमुद्दीन, संस्था की निपा दास, चाइल्डलाइन के प्रतिनिधि शामिल थे. इस दौरान बाल विवाह के दुष्प्रभावों के बारे में भी बताया गया. कार्यक्रम में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की प्रीतिवंती, चंदा, अधिवक्ता धनिक गुड़िया, सिस्टर सलोनी, सिस्टर रंजना, सिस्टर कांति आदि मौजूद थे.