जमशेदपुर में मनाया गया दिशोम बाहा महोत्सव, जानिए कैसे मानते हैं लोग
झारखंड में प्रकृति की पूजा करने वाला आदिवासी समाज आधुनिक युग में भी अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाए रखने के लिए सजग है. होली से पूर्व संथाल समाज विशाल दिशोम बाहा पर्व मनाता है. प्रकृति की पूजा करने वाला यह समाज जाहेर स्थान से नायके यानी पंडित को अनोखे अंदाज में घर तक पहुंचाता है. यह माना जाता है कि नायके के साथ आदिवासियों के देवता भी रहते हैं.