भुइंहर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग, पलामू सांसद ने लोकसभा में उठाया मामला
पलामू: भुइंहर मुंडा, भुइंहर को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को लेकर पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में मामले को उठाया है (Inclusion of Bhuihar caste in Scheduled Tribe). लोकसभा में बुधवार को पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने नियम 377 के तहत इस सवाल को उठाया. विष्णु दयाल राम ने कहा कि पलामू संसदीय क्षेत्र के बड़गड, भंडरिया रंका छतरपुर में बड़े पैमाने पर भुइंहर मुंडा, भुइंहर समाज के लोग रहते हैं. इनका जनजीवन खानपान, रहन सहन, पूजा पद्धति आदिवासी समाज से मिलता जुलता है. पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में भुइंहर जाति को अनुसूचित जनजाति में रखा गया है, जबकि झारखंड में यह अनुसूचित जाति में है. उन्होंने कहा कि रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के द्वारा पत्रांक 237 के तहत प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग झारखंड सरकार को विस्तृत प्रतिवेदन दिया गया था. इस प्रतिवेदन के आलोक में झारखंड सरकार के कार्मिक प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग ने राज्य मंत्री परिषद द्वारा भुइंहर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को लेकर जनजातीय कार्य मंत्रालय को अनुशंसा भेजी थी. यह अनुशंसा 18 मार्च 2021 को जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सचिव को भेजी गई थी. पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि वे जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार से भुइंहर मुंडा, भुइंहर को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग करते हैं.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:35 PM IST