VIDEO: भाजपा के तीन विधायक सदन से सस्पेंड, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी बोले- स्पीकर ने खुद तोड़ा अपना नियमन, विफलताएं छिपाना चाहती है सरकार - रांची न्यूज
Published : Dec 19, 2023, 6:32 PM IST
|Updated : Dec 19, 2023, 6:39 PM IST
Leader of Opposition Amar Bauri. रांची: संसद के दोनों सदनों में सुरक्षा चूक के मसले पर हंगामे की वजह से जिस तरह की लगातार कार्रवाई चल रही है, उसी का एक नमूना आज झारखंड विधानसभा में भी देखने को मिला. मुख्य विपक्षी दल भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, सचेतक जेपी पटेल और विधायक भानु प्रताप शाही के वेल में शोर मचाने पर स्पीकर ने तीनों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया. इस मसले पर ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी से बात की. उन्होंने कहा कि स्पीकर महोदय ने ही परंपरा शुरू की है कि शून्यकाल के पहले कार्यस्थगन को पढ़कर स्वीकार या अस्वीकार किया जाएगा. उसी परंपरा के निर्वहन को लेकर कार्यस्थगन लाया गया था. लेकिन स्पीकर ने खुद अपने ही नियमन को तोड़ दिया.
इसी की तरफ ध्यान आकृष्ट कराने के लिए तीनों विधायक वेल में पहुंचे थे लेकिन स्पीकर ने उन्हें निलंबित कर दिया. इससे पता चलता है कि सरकार डरी हुई है. इससे सदन की कार्यवाही की गंभीरता पर भी सवाल उठता है. युवाओं की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि सहायक अध्याक, पंचायत सचिवालय कर्मी, चौकीदार-दफादार समेत बड़ी संख्या में अनुबंधकर्मी और नौजवान सड़कों पर हैं. आंदोलन कर रहे हैं. उन्हीं के मसले के समाधान के लिए भाजपा के विधायक सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना चाह रहे थे.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मसले पर राज्यपाल महोदय को अवगत कराया जाएगा. राज्य में संवैधानिक संकट वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है. मुख्यमंत्री खुद कई सभाओं में लोगों को उकसा रहे हैं. वह कह रहे हैं कि किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहें. इससे साफ है कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए गलत रास्ता अपना रही है. ऐसे में इस सरकार को बर्खास्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि कल पूरी मुस्तैदी के साथ सदन में आवाज उठाई जाएगी. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि धीरज साहू के ठिकानों से जब्त सैकड़ों करोड़ नकदी मामले को उठाने पर स्पीकर ने कहा था कि यह राज्यसभा का मसला है. लेकिन आज खुद सत्ता पक्ष के लोग भी वेल में आकर संसद की कार्यवाही का विरोध कर रहे थे. स्पीकर ने इसकी अनदेखी क्यों की.
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