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नकल विरोधी बिल पर राजनीति तेज, बीजेपी ने बताया काला कानून, जेएमएम विधायक ने भी दिया साथ, जानिए मंत्री और सीएम ने दिया क्या जवाब

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Published : Aug 3, 2023, 7:36 PM IST

रांची: बहुचर्चित नकल विरोधी झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों को रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक -2023  झारखंड विधानसभा से पास कराने में हेमंत सरकार सफल हो गई है. गुरुवार को मानसून सत्र के दौरान सदन में लाए गए बिल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आमने सामने होते दिखे. सदन के अंदर सत्ता पक्ष के प्रदीप यादव सहित कुछ विधायकों के संशोधन लाए जाने के बाद सरकार इस बिल में आंशिक संशोधन करते हुए सदन से पास कराने में सफल हो गई है. झारखंड विधानसभा में नकल विरोधी लाए गए इस विधेयक पर राजनीति तेज हो गई है. भाजपा विधायक अनंत ओझा ने इस विधेयक को काला कानून बताते हुए सरकार पर जबरन इस बिल को लाने का आरोप लगाया. विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी नकल विरोधी इस कानून को काला कानून बताते हुए सरकार की आलोचना की है. मंत्री चम्पई सोरेन ने कहा कि विपक्ष को हर कानून काला ही दिखता है क्योंकि उनके दिल में काला है. 

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इधर, इस बिल को लेकर उठे सवाल पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने सरकार का बचाव किया है उन्होंने कहा है कि देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग कानून बनाए गए हैं जिसमें दंड के प्रावधान भी दिए गए हैं. सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है जिससे मेधावी छात्रों का चयन होगा और माफिया पर अंकुश लगेगा. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि जिस तरह से प्रतियोगिता परीक्षाओं में कदाचार बढ़ा है. अलग अलग तकनीक और गजट का सहारा लेकर कदाचार, पेपर लीक एवम अन्य गलत कार्यों पर रोक लगाने के लिए एक सशक्त कानून की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि ज्यादातर विधायकों की चिंता उन अभ्यर्थियों की थी जिसके कदाचार में लिप्त अभ्यर्थियों को कठोर सजा और दंड का प्रावधान था. 

नकल पर नकेल कसने के लिए लाई गई इस बिल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि हाल के दिनों में कई नियुक्ति विज्ञापन निकाले गए हैं और आने वाले समय में और भी निकलेंगे. ऐसे में हम नहीं चाहते हैं कि पूर्व की तरह विद्यार्थी किसी परेशानी में ना फंसें. ये सरकार की सोच है अभी भी हमारे पास कई ऐसे बच्चे आते हैं जो 2012, 2016  तो कोई 2018 में विज्ञापन निकली परीक्षाएं हुई रिजल्ट निकला नहीं निकला जैसी बहुत सारी समस्याओं से जूझ रहे हैं. हम इन समस्याओं का समाधान ढूंढने के प्रयास कर रहे हैं.

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