झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / videos

Chhath Puja 2022: डूबना हमेशा अंत नहीं होता, सिखा जाती है छठ पूजा

By

Published : Oct 29, 2022, 6:28 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:30 PM IST

लोक आस्था का महापर्व छठ भगवान भास्कर के साक्षात रूप की पूजा है. जिसे प्रकृति के प्रेम की भी साक्षात पूजा कही जा सकती है. छठ पूजा की मान्यताओं (Chhath Puja Beliefs) की बात करें तो इसकी कई किंवदंतियां और कहानियां प्रचलित हैं. धार्मिक महत्व के साथ-साथ छठ पूजा के वैज्ञानिक कारण भी हैं. छठ महापर्व पूरे विधि विधान से मनाया जाता है. कार्तिक माह के शुरू होते ही छठ पर्व को लेकर झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में पूरा वातावरण ही भक्तिमय हो जाता है. छठ महापर्व में नहाय-खाय, खरना, सूर्यास्त पूजन और सूर्योदय पूजन का विशेष महत्व होता है (Chhath Puja Significance). महापर्व में व्रतधारी 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं. ये पर्व नहाय-खाय से शुरू होता है और सूर्योदय पूजन के साथ समाप्त होता है. परंपराओं और वैज्ञानिक आधार पर ये अनूठा पर्व जाते-जाते हमें एक संदेश दे जाता है. छठ महापर्व में हम उगते सूरज को तो अर्घ्य देते ही हैं, साथ ही डूबते सूर्य की पूजा करते हैं. जिसका अर्थ हैं डूबना हमेशा अंत नहीं होता.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:30 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details