लोहरदगा में खेली गई पत्थर मार होली..पढ़ें क्या है परंपरा - tradition of pattharmar holi
लोहरदगा : देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग प्रकार से होली मनाई जाती है. कहीं रंग, गुलाल खेले जाते हैं तो कहीं लट्ठमार होली होती है. इसी तरह लोहरदगा में पत्थर मार होली खेली जाती है. इस तरह की होली लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड के बरही गांव में खेली जाती है. इसे ढेला मार होली कहा जाता है. दरअसल इस होली के तहत गांव के मंडप के पास एक खूंटा गाड़ा जाता है. यहीं पर होलिका दहन भी होता है. होली के दिन यहां पर सभी उस खूंटे को छूने के लिए दौड़ते हैं. दर्शक के रूप में मौजूद लोग खूंटे को छूने के लिए दौड़ रहे लोगों पर पत्थर बरसाते हैं. कहा जाता है कि यहां इस तरह होली मनाने की परंपरा पुरानी है. बताया जाता है इस दौरान किसी को भी चोट नहीं लगती. होलिका दहन के धुएं से ही बारिश का अंदाजा भी लगाया जाता है. इसे लोग अलग-अलग परंपरा के रूप में लेते हैं. देखने के लिए हजारों की भीड़ भी उमड़ती है. अपने आप में यह खास होली पूरे क्षेत्र में विख्यात है. इस दौरान आतिशबाजी होती है. ढेला मार होली में हजारों की संख्या में लोग पहुंचकर इस परंपरा का गवाह बनते हैं.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:20 PM IST