चाईबासा: कुमारडूंगी थाना क्षेत्र से 27 सितंबर को एक युवती गायब होती है, जिसका हाथ-पांव कटा और पत्थर से कुचला शव रविवार को गांव के समीप नदी किनारे झाड़ी में मिलता है. परिजन पुलिस को सूचना दिए बिना ही उसका अंतिम संस्कार कर देते हैं. अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. चाईबासा पुलिस का कहना है कि ना ही गायब युवती की लाश मिली हैं और ना ही उसका दाह संस्कार किया गया है.
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पश्चिम सिंहभूम एसपी अजय लिंडा ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कुमारडुंगी थाना क्षेत्र से गायब लड़की का ना हीं शव मिला है और ना ही ग्रामीणों और उसके परिजनों ने अंतिम संस्कार किया है. उन्होंने कहा कि शव मिलने की सूचना की पुलिस अधिकारियों की ओर से जांच की गई, जिसमें पुष्ट साक्ष्य नहीं मिले हैं. हालांकि, पुलिस ने गुमशुदगी का केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
घटना की जानकारी मिलते तत्काल पहुंची पुलिस
एसपी ने कहा कि लड़की की गायब होने की सूचना मिलते ही कुमारडूंगी थाना प्रभारी ने लड़की के माता-पिता से पूछताछ की. लड़की के परिजनों के बयान पर ही पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू की है. एसपी ने कहा कि लड़की के पिता के अनुसार 27 सितंबर को दवा लेने के लिए घर से निकली, जो वापस नहीं लौटी. पुलिस दवा दुकानदार पीतांबर मांझी के घर पहुंची, तो पीतांबर घर पर नहीं मिला.
बदनामी से बचने को लेकर शव का किया दाह संस्कार
वहीं एक युवती की हैवानों के द्वारा निर्मम हत्या की खबर मिलने के बाद कुमारडुंगी थाना प्रभारी अंकिता सिंह दल बल के साथ घटनास्थल पहुंची. स्थानीय लोगों के साथ थाना प्रभारी नदी किराने भी पहुंची, जहां शव मिला था. इसके बाद ग्रामीणों से पूछताछ की. ग्रामीणों ने थाना प्रभारी से बताया कि लोक-लज्जा और गांव की बदनामी से बचने को लेकर शव मिलने के दूसरे दिन सोमवार की सुबह दाह संस्कार किया गया.
चाचा-चाची ने देखा शव
गायब हुई युवती के चाचा-चाची अपने खेत में धान देखने गए थे. खेत में पहुंचे, तो दुर्गंध आ रही थी. इसके बाद चाचा ने आसपास खोजबीन की, तो झाड़ी में शव पड़ा देखा. इसके बाद शव की सूचना परिजनों को दी गई. ग्रामीणों ने बताया कि युवती पीतांबर मांझी से हमेशा दवा लेने जा रही थी और पीतांबर मांझी को जीजा बोलती थी. 27 सितंबर को भी अचानक दवा लाने गई, तो लौटी नहीं.