चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम चाईबासा कोर्ट के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला (Principal District and Sessions Judge Vishwanath Shukla) की अदालत में बच्चे की हत्या (murder of child) के मामले में सुनवाई करते हुई दोषी को फांसी की सजा सुनाई है, साथ ही एक लाख जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में गवाहों के आधार पर न्यायाधीश ने फैसला सुनाया. 5 माह के अंदर ही सुनवाई करते हुए जिला न्यायधीश ने गुआ थाना क्षेत्र के 23 वर्षीय सुपाई चंपिया को फांसी की सजा (Court pronunced death sentence for accused) सुनाई है.
8 साल के बच्चे के हत्यारे को फांसी की सजा, पटक पटककर ली थी मासूम की जान - Chaibasa news
चाईबासा में 8 साल के बच्चे के हत्यारे को कोर्ट ने फांसी की सजा दी है. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की अदालत ने 5 महीने के अंदर सुनवाई पूरी करते हुए ये फैसला सुनाया है.
![8 साल के बच्चे के हत्यारे को फांसी की सजा, पटक पटककर ली थी मासूम की जान West Singhbhum Chaibasa Court pronunced death sentence for accused of murder of child](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-16131996-thumbnail-3x2-ws.jpeg)
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क्या है मामलाः पूरी घटना विगत अप्रैल माह की 23 तारीख को गुआ थाना क्षेत्र की है. जहां आरोपी सुपाई चंपिया ने एक बच्चे को पटक-पटककर मार डाला और उसे नदी में फेंक दिया था. 23 अप्रैल 2022 दो बच्चे लक्ष्मण चंपिया और मूंगा चंपिया नहाने के लिए कारो नदी नहाने गए थे. जब वो नहाकर लौट रहे थे तो सुपाई चंपिया ने करंट का तार पकड़ने में मदद करने के लिए दोनों बच्चे को कहा. दोनों डर कर वहां से भागने की कोशिश की पर सुपाई चंपिया ने 8 वर्षीय लक्ष्मण चंपिया को दौड़ाकर पकड़ लिया और उसे पकड़कर नदी के सामने लाया जहां से पटक-पटककर मारने के बाद नदी में फेंक दिया.
इस घटना को दूसरे बच्चे ने देखा था. बच्चें ने रोते हुए न्यायाधीश के समक्ष गवाही दी. जिसे न्यायाधीश ने गंभीरता से लेते हुए अविलंब सुनवाई की तिथि निर्धारित की, जिसके बाद सुनवाई पूरी हुई. और आरोपी को सजा सुनाते हुए फांसी की सजा (death sentence for accused of murder) के साथ एक लाख की जुर्माना लगाई. हालांकि आरोपी के पास हाई कोर्ट जाने का भी रास्ता साफ है. आरोपी 21 दिनों के अंदर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है, अगर हाई कोर्ट ने इस केस को रिजेक्ट कर दिया तो सुप्रीम कोर्ट तक आरोपी जा सकता है. जिसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी.