चाईबासा: लॉकडाउन के कारण पूरे देश में आर्थिक संकट गहरा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता देते हुए बढ़ाने की अपील के बाद पश्चिम सिंहभूम जिला अंतर्गत सारंडा और पोड़ाहाट के बीहड़ ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में पहल शुरू कर दी है.
वैश्विक कोरोना महामारी से देश ही नहीं पूरे विश्व की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है. देश में लगे लॉकडाउन से लगभग व्यापार ठप्प हो गए है. देश मे संचालित कई कुटीर एवं लघु उद्योग बंद पड़े हैं. वहीं कई बड़ी-बड़ी फैक्ट्रीयों में ताला लगने के नौबत आ गई है. लॉकडाउन में फैक्ट्रियां बंद होने पर लाखों मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. देश के विभिन्न राज्यों से मजदूर अपने अपने गृह क्षेत्र में अपनी सुविधा अनुसार वापस लौट रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल की अपील के बाद सारंडा वन प्रमंडल ने सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में पहल करते हुए सारंडा क्षेत्र में लगभग 20 पत्तल बनाने का मशीन वितरण किया है.
पीएम के अपील के बाद जिला प्रशासन रेस
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है, लोकल के लिए वोकल होने की भी जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने देश की जनता से स्थानीय प्रोडक्ट को ग्लोबल बनाने की भी अपील की है, जिसे लेकर सारंडा वन प्रमंडल तेजी से काम कर रहा है. हालांकि वन प्रमंडल पहले से ही सारंडा के ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कई कार्यक्रम चला रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री के लोकल के लिए वोकल होने की जरूरत की बात कहे जाने के बाद सारंडा वन प्रमंडल इस दिशा में रेस हो चुका है.
कई समारोह में पत्तल का उपयोग
कोल्हान के पश्चिम सिंहभूम जिले के 700 पहाड़ियों से घिरे सारंडा वन क्षेत्र में साल के पेड़ भारी मात्रा में पाए जाते हैं. सारंडा क्षेत्र में लगभग 20 पत्तल बनाने का मशीन वितरण करने के बाद सारंडा की 20 गांव की महिला समूह प्रत्येक सप्ताह 2 लाख पत्तल का निर्माण कर रही है. सारंडा के महिलाओं के जरिेए बनाए गए पत्तल जिले के बड़े-बड़े शहरों में काफी मांगे भी बढ़ी है. महिलाओं के बनाए गए पत्तल का कई समारोह में खूब इस्तेमाल हो रहा है. उनका बनाया पत्तल जिले के चाईबासा चक्रधरपुर और उड़ीसा के राउरकेला आदि में सप्लाई किया जा रहा है.