चाईबासा: 21वीं सदी में लोग हाईटेक युग में जी रहे हैं, शहर से लेकर कई गांवों तक भी मोबाइल और इंटरनेट जैसी आधुनिक सुविधाओं की पहुंच हो चुकी हैं, लेकिन पश्चिमी सिंहभूम जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बुनियादी सुविधा नहीं है. बंदगांव प्रखंड के इन्द्रूवां और आसपास के कई गांवों के ग्रामीण आजादी के सात दशक बाद भी सड़क और पुल-पुलिया के लिए तरस रहे हैं. इन्द्रूवां गांव के पास गुजरने वाली छोटी नदी पर पुलिया नहीं है. जिससे इन्द्रूवां के अलावा इस क्षेत्र के आस पास के कई गांव के ग्रामीणों को आवागमन में काफी समस्या होती है.
बरसात के दिनों में होती है काफी परेशानी
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में इस क्षेत्र की करीब 5 हजार की आबादी तीन-चार महीनों तक प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह से कट जाती हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. जनवितरण प्रणाली का राशन गांव में नहीं पहुंच पाता है. नदी में अधिक पानी भर जाने से बाजार की ओर गए लोग कभी-कभी दूसरे गांव में शरण लेते हैं.
स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए करना पड़ता है संघर्ष
वहीं, ग्रामीण बताते हैं कि नदी में पुल पुलिया के अभाव में इस क्षेत्र के लोगों को बरसात के दिनों में राशन और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ता है. गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंचने से मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में भी समस्या होती है. 2019 में बारात के समय नदी में काफी पानी था. 13 वर्षीय लड़के को इलाज के लिए अस्पताल न ले जाने पर उसकी मौत हो गई थी. सड़क की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है, इस क्षेत्र की सड़कें भी काफी जर्जर हालत में है, जिसका निर्माण करवाने के लिए कई बार मांग की जा चुकी है.