चाईबासा: क्वॉरेंटाइन सेंटर में यहां ठहरे मजदूरों की कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन विगत 45 दिनों से चाईबासा के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे जाने की अवधि समाप्त होने के बाद भी जबरन रखे जाने के कारण अब उनकी हिम्मत भी जवाब देने लगी है. यही कारण है कि मजदूर अपने सामानों की पैकिंग कर अपने घर के लिए निकल पड़े थे. हालांकि मजदूरों के भागने की सूचना मिलने के बाद मुफस्सिल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और काफी समझाने के बाद मजदूर माने और अपने अपने कमरे में वापस चले गए.
45 दिनों से क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे यूपी-बिहार के मजदूर, की भागने की कोशिश
बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार अपने राज्य के मजदूरों की सुध नहीं ले रही है. चाईबासा स्थित स्टेट क्वॉरेंटाइन में 45 दिनों से रखे गए बिहार-उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के मजदूर अब भागने की जुगत लगा रहे हैं. क्वॉरेंटाइन सेंटर से मजदूरों के भागने की सूचना मिलने पर चाईबासा पुलिस हरकत में आई और पुलिस की काफी मशक्कत के बाद मजदूर वापस क्वॉरेंटाइन सेंटर में गए.
जिला प्रशासन की मानें तो यह सभी मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं. लिहाजा बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकार के द्वारा वापसी की मंजूरी मिलने के बाद मजदूरों को पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी. चाईबासा सदर अनुमंडल पदाधिकारी परितोष ठाकुर बताते हैं कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए मजदूरों का समय पूर्ण हो चुका है और उनकी भी कोरोना वायरस टेस्ट की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है.
जहां इंटरस्टेट का मामला का आता है, वहां मजदूर जिस राज्य के हैं उस राज्य सरकार के ऐप पर निबंधन करना होता है. उसके बाद ही उनके द्वारा अनुमति मिलने पर उन्हें भेजने की व्यवस्था होती है. झारखंड राज्य सरकार के द्वारा अन्य राज्यों के सरकार से वरीय पदाधिकारियों के द्वारा संपर्क कर वार्ता की जा रही है. जैसे ही दोनों राज्यों की सहमति होती है वैसे ही मजदूरों को यहां से भेज दिया जाएगा. झारखंड राज्य सरकार के द्वारा पहल किए जाने पर झारखंड राज्य में छत्तीसगढ़, ओडिशा आदि राज्य के मजदूरों के फंसे होने पर उनको यहां से भेजा गया और वहां से झारखंड के मजदूर को लाया गया. उसी तरह बिहार और यूपी के सरकार के साथ सहमति बनने पर इन्हें भी भेज दिया जाएगा.