झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

बिना शौचालय बनाए गांव को ओडीएफ किया घोषित, ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार की दी चेतावनी - स्वच्छ भारत अभियान

चाईबासा के दो गांव ऐसे हैं, जहां शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है. इसके बावजूद दोनों गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया. शौचालय नहीं बनने से हजारों ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने जल्द शौचालय नहीं बनने पर आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का फैसला लिया है.

विरोध प्रदर्शन करते ग्रामीण

By

Published : Sep 22, 2019, 7:33 PM IST

चाईबासाः मझगांव विधानसभा के दो गांवों को बिना शौचालय बनाए, ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. इसके विरोध में दोनों गांव कुंकलपी और गंडीकीदा के हजारों ग्रामीणों ने एकजुट होकर खुले में शौच मुक्त बोर्ड लगाने का विरोध किया. रविवार को दोनों गांव के हजारों ग्रामीणों ने बारुसाई-अंधारी मुख्य सड़क में धरना प्रदर्शन कर स्वच्छ भारत अभियान के तहत लगाए बोर्ड का जमकर विरोध किया.

देखें पूरी खबर
ग्रामीणों का कहना है कि दोनों गांव में स्वच्छ भारत अभियान के तहत एक भी शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है. जिसके कारण ग्राम कुंकलपी पंचायत बारुसाई के लगभग 600 परिवार और ग्राम गंडीकीदा पंचायत अंधारी के लगभग 500 परिवारों के सदस्य आज भी खुले में शौच को जाने के लिए विवश हैं, लेकिन दोनों गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. दोनों गांव में एक भी परिवार के पास शौचालय नहीं बना है. ग्रामीणों ने कई बार दोनों पंचायत मुखिया के सामने इस समस्या के समाधान के लिए गुहार लगाई है, इसके बाद भी इसका समाधान नहीं हुआ.

हद तो तब हो गई जब विभाग ने दोनों गांव में खुले में शौच मुक्त गांव का बोर्ड लगा दिया. ग्रामीणों ने इस समस्या के समाधान ना होने पर प्रखंड कार्यालय और जिला उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. ग्रामीणों ने मांग पूरी नहीं होने पर आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार भी करने की बात कही.

ये भी पढ़ें-रांची में दुर्गा पूजा की तैयारी जोरों पर, सामाजिक सदभावना की थीम पर बन रहा बांध गाड़ी का पंडाल

प्रखंड के प्रमुख मथुरा कोडेंकल ने कहा कि सरकार दोनों गांवों के हजारों ग्रामीणों के साथ अन्याय कर रही है, अगर गांव में शौचालय नहीं बना तो किस आधार पर ओडीएफ घोषित किया गया है. इसकी जांच होनी चाहिए और दोनों गांव में शौचालय का निर्माण किया जाना चाहिए. स्थानीय महिलाओं का कहना है कि घर में शौचालय नहीं होने के कारण मजबूरी में खुले में शौच को जाना पड़ता है. जिससे काफी शर्मिंदगी महसूस होती है.वहीं, जल सहिया ने कहा कि गांव में एक भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. कुछ ही दिन पहले कुछ लोगों का आधार कार्ड और राशन कार्ड का नंबर स्थानीय मुखिया को दिया गया है, जिससे उनके शौचालय का निर्माण हो सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details