चाईबासा: कस्तूरबा विद्यालयों में एक बार फिर अव्यवस्था का मामला सामने आया है. पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित चाईबासा कस्तूरबा विद्यालय में बासी खाना खाने से विद्यालय 250 से अधिक छात्राएं फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गई. सभी छात्राओं को रात से ही उल्टियां और पेट दर्द हो रही है.
विद्यालय के लगभग 50 से अधिक छात्राओं को गंभीर हालत में सदर अस्पताल चाईबासा में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य पीड़ित छात्राओं का इलाज स्वास्थ्य विभाग की टीम विद्यालय परिसर में ही कर रही है.
जानकारी के अनुसार गुरुवार की देर रात सभी छात्राओं ने बासी खाना खाया था, जिसके बाद से ही उनके पेट में दर्द होने लगे और उल्टियां शुरु होने लगी. उसके बाद विद्यालय के वार्डन ने छात्राओं को ओआरएस का घोल पिलाना शुरु किया. जब छात्राओं का हालात खराब होने लगी तो उसे सदर अस्पताल चाईबासा में भर्ती कराया गया. इस मामले की जानकारी शिक्षा विभाग को दी गई, जिसके बाद आनन-फानन में अस्पताल से 5 एंबुलेंस गंभीर अवस्था में पीड़ित छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया. सदर अस्पताल में बेड खाली नहीं होने पर एक बेड पर दो-दो छात्राओं को लिटा कर इलाज किया जा रहा है.
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इस घटना से एक बार फिर कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की अव्यवस्था सामने आई है. बासी खाना दिए जाने की बात से विद्यालय संचालन के व्यवस्था पर मुहर लग गई है. अस्पताल में इलाजरत छात्राओं ने कराहते हुए बताया कि उन्हें बासी खाना दिया गया था, जिसके कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. हालांकि इस मामले को लेकर अब तक विद्यालय प्रबंधन या शिक्षा विभाग की ओर से कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं है.
उधर घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ित बच्चों से मुलाकात की और हाल-चाल जाना. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को पीड़ित छात्राओं का बेहतर इलाज करने का निर्देश दिया. पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद उपायुक्त ने जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच का आदेश दिया है. उन्होंने बताया कि मामला गंभीर है और जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अस्पताल में भर्ती छात्राओं को देखने के बाद जिला उपायुक्त अरवा राजकमल कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने विद्यालय की बच्चियों से पूछताछ की और कस्तूरबा बालिका विद्यालय की शिक्षिका रोशनी होरो से पूरे मामले की जानकारी ली.
शिक्षिका रोशनी होरो ने छात्राओं को बासी खाना दिए जाने के सवाल पर बताया कि विद्यालय की छात्राओं को बासी खाना नहीं दिया जाता है, बल्कि बच्चियों की संख्या अधिक होने के कारण खाना खत्म हो जाया करता है, इसलिए बासी खाना देने का सवाल हीं नहीं उठता. उन्होंने कहा कि सामान्य दिनों की तरह ही बच्चियों को खाना दिया गया था, लेकिन यह किस वजह से हुआ इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.