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ट्रेनों में टेंशन फ्री होगी महिलाओं की जर्नी, आरपीएफ की 'माय सहेली' टीम करेगी सुरक्षा

ट्रेन में सफर करने वाली महिलाओं के लिए खुशखबरी है. अब ट्रेन में सफर करना महिला यात्रियों के लिए भय मुक्त होगा. ट्रेन में उनकी सहेली मिलेगी, जो ट्रेन के अंतिम पड़ाव तक सफर के दौरान उनको सुरक्षा प्रदान करेगी, ताकि किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो सके. फिलहाल यह सुविधा साउथ ईस्टर्न रेलवे की ओर से शुरू कर दी गई है.

अब निर्भय होकर महिलाएं ट्रेनों में कर सकेगी यात्रा
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Published : Oct 7, 2020, 1:17 PM IST

Updated : Oct 7, 2020, 2:01 PM IST

जमशेदपुर: साउथ ईस्टर्न रेलवे ने ट्रेन में सफर करने के दौरान महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक नई पहल की है. अब ट्रेन में सफर करने वाली महिला यात्रिओं को उनकी सहेली मिलेगी, जो ट्रेन के अंतिम पड़ाव तक सफर के दौरान उनकी हर समस्याओं का समाधान करते हुए उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगी.

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परियोजना को मिली हरी झंडी

ट्रेन में सफर करने के दौरान महिला यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए साउथ ईस्टर्न रेलवे की ओर से 'माई सहेली' नाम की नई पायलट परियोजना की शुरुआत की गई है. इसके तहत ट्रेन में यात्रा के दौरान ट्रेन के अंतिम पड़ाव तक महिला यात्रियों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे स्टेशन पर माई सहेली परियोजना के तहत आरपीएफ की 20 महिला जवानों ने ट्रेन में यात्रा कर रही महिला यात्रियों से मिलकर उन्हें माई सहेली के बारे में जानकारी दी. इस दौरान उन्हें यह भरोसा दिलाया गया कि अब वो निर्भय होकर सफर कर सकेंगे. साउथ ईस्टर्न रेलवे के आरपीएफ आईजी और मुख्य सुरक्षा आयुक्त देवेंद्र नाथ बी कसार ने कोलकाता में माई सहेली नाम के पायलट परियोजना को हरी झंडी दी है.

कैसे मिलेगी मदद

साउथ ईस्टर्न रेलवे अंतर्गत सभी स्टेशन पर आरपीएफ में महिला जवानों की एक टीम बनाई गई है, जिन्हें माई सहेली परियोजना में शामिल किया गया है. स्टेशन पर ट्रेन के आने से पहले प्लेटफार्म पर आरपीएफ की यह टीम ट्रेन के कोच संख्या के आधार पर खड़ी रहती हैं. प्लेटफार्म पर ट्रेन के रुकते ही हर कोच में टीम की एक-एक महिला जवान अंदर जाकर महिला यात्री से माई सहेली की पूरी जानकारी देकर एक फॉर्म में उनका मोबाइल, नाम और अंतिम स्टेशन के बारे में पूछती हैं. जानकरी लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में उसे शामिल करती है.

माई सहेली परियोजना की शुरुआत

सफर में महिला यात्री को किसी तरह की परेशानी होने पर वो माई सहेली व्हाट्सएप में अपनी शिकायत करेगी. जिसके बाद अगले स्टेशन पर उसकी शिकायत दूर की जाएगी. टाटानगर आरपीएफ पोस्ट प्रभारी एम के साहू ने बताया कि ट्रेन में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ आईजी की ओर से माई सहेली परियोजना की शुरुआत की गई है. ट्रेन के हर कोच में माई सहेली की टीम महिला यात्रियों से मोबाईल नंबर लेगी, जिसके जरिये वो महिला अपने या किसी भी यात्री की सुरक्षा के लिए जानकरी देगी और आरपीएफ की ओर से त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

महिला यात्रियों में संतुष्टि

टाटानगर आरपीएफ की महिला सब इंपेक्टर पूजा नेगी ने बताया कि ट्रेन में महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए माई सहेली के जरिये वह महिला यात्री को ट्रेन में उनके सफर पूरा होने तक सुरक्षा प्रदान करेगी. महिला यात्री अगर 182 पर संपर्क नहीं कर सकती है तो वो माई सहेली नंबर पर सूचना देंगी. इसके बाद माई सहेली कंट्रोल रूम से कॉन्टेक्ट कर पूरी जानकारी देगी और अगले स्टेशन पर कार्रवाई होगी. ट्रेन में सफर के दौरान सुरक्षा देने वाली माई सहेली से महिला यात्रियों में संतुष्टि देखने को मिल रही है. उनका कहना है कि महिला सुरक्षा के लिए यह अच्छी पहल है. पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि इससे ट्रेन में अकेला सफर करने वाली महिला पूरी तरह सुरक्षित रहेगी.

यात्रियों को मिली नई सुविधा

समय के साथ-साथ रेलवे में कई बदलाव देखने को मिले हैं. स्टेशन से लेकर ट्रेन तक यात्रियों को कई नई सुविधा मिली है. ऐसे में साउथ ईस्टर्न रेलवे की ओर से ट्रेन में सफर के दौरान महिला यात्रियों को माई सहेली की सौगात दी गई है. जो उनकी अच्छी सहेली बन कर यात्रा को मंगलमय बनाएगी.

Last Updated : Oct 7, 2020, 2:01 PM IST

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