झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

चाईबासाः सारंडा वन प्रमंडल चला रहा 'आम खाकर गुठली फेंके नहीं हमें दें' मुहिम, जेनेटिक मैंगो बैंक नर्सरी बनाने का प्रयास - चाईबासा में सारंडा वन प्रमंडल

पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा वन प्रमंडल ने 'आम खाकर गुठली फेंके नहीं हमें दें' मुहिम की शुरुआत की है. इस मुहिम में विभाग आम की गुठलियों को इकट्ठा कर अपने नर्सरी में लगवा रहा है, जिसके बाद इसके पौधों को ग्रामिणों में वितरित किया जाएगा.

saranda forest division.
सारंडा वन प्रमंडल चला रहा अभियान.

By

Published : Jul 24, 2020, 6:07 PM IST

चाईबासा: आम खाकर फेंके जाने वाली गुठलियों को एकत्रित कर पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा वन प्रमंडल ने एक अनूठी पहल की है. दरअसल, प्रमंडल गुठलियों को एकत्रित कर आने वाले कल को संवारने के लिए आम पौधे की नर्सरी बनाने में जुटा है. सारंडा वन प्रमंडल आने वाले कल के लिए 'आम खाकर गुठली फेंके नहीं हमें दें' मुहिम चला रहा है. वन विभाग के कर्मचारी गली-गली घूम कर लोगों से उनके आम की गुठलियां जमा कर रहे है. साथ ही सारंडा वन प्रमंडल एक जेनेटिक मैंगो बैंक नर्सरी बनाने का प्रयास कर रही है.

सारंडा वन प्रमंडल चला रहा अभियान.

विभिन्न प्रजाति के आमों का संरक्षण
सारंडा वन प्रमंडल के डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि आमतौर पर लोग आम खाने के बाद गुठलियों को फेंक देते हैं, जिसे इकट्ठा कर ग्रामीणों के बीच बांटने की मुहिम शुरू की गई है. इस मुहिम से विलुप्त होती विभिन्न प्रजाति के आमों का संरक्षण तो होगा ही, साथ ही फलदार वृक्ष के माध्यम से लोग अपनी जीविका उपार्जन कर पाएंगे और इससे पर्यावरण का संरक्षण भी हो पाएगा.

अगले वर्ष आम के पौधे बनकर तैयार
डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि बारिश के समय में गुठलियों को पौधे के रूप में लगा सकते हैं. वर्तमान समय में सभी आम के शौकीन होते हैं. विभिन्न प्रकार के आम के लिए सारंडा प्रसिद्ध रहा है, लेकिन कलमी आम अब लुप्त होता जा रहा है. सभी लोग चाहते हैं कि बाहर से आने वाले कल में आम के वृक्ष यहां लगाया जाए और उनकी संख्या में वृद्धि की जाए. विभिन्न प्रकार के आम के लिए यहां का मौसम बिलकुल सही है. इसी को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार और प्रजाति के आम वृक्षों का संकलन सारंडा वन प्रमंडल के द्वारा किया जा रहा है. सारंडा वन प्रमंडल आम की गुठलियों इकट्ठा करवा रही है और अपने नर्सरी में लगवा रही है, जिससे अगले वर्ष आम के पौधे बनकर तैयार हो जाएंगे.

इसे भी पढ़ें-झामुमो का आरोप: फर्जी है गोड्डा सांसद की डिग्री, सांसद ने कहा- फर्जी आरटीआई का हवाला दे रहा है जेएमएम


लोगों की डिमांड फलदार पौधे
डीएफओ ने बताया कि इस वर्ष वन विभाग के पास सीमित फलदार पौधे थे और लोगों की डिमांड फलदार पौधे को लेकर बढ़ती गई. इसके बावजूद भी वन विभाग ने अधिकतर लोगों के बीच आम और जामुन आदि फलदार पौधे का वितरण किया है, जिसे ध्यान में रखते हुए अगले वर्ष की भी तैयारी की जा रही है. अगले वर्ष लोगों को अधिक से अधिक फलदार पौधे वन विभाग की ओर से मिले और लोग अपने मिट्टी और मौसम के अनुकूल फलदार पौधे अधिक से अधिक संख्या में लगा सकेंगे.

आम के फलदार पौधे लगवाने पर फोकस
सारंडा के ग्रामीणों का कहना है कि अगर वन विभाग के द्वारा फलदार पौधे उपलब्ध करवाया जाए, तो वह खेतों में फलदार पौधे लगाएंगे. पिछले वर्ष बांस और फलदार पौधे लगाने की मुहिम चलाई गई थी, जो काफी हद तक आगे बढ़ चुकी है. इस वर्ष वन विभाग आम के फलदार पौधे लगवाने पर फोकस कर रही है, जिससे सारंडा क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों की आमदनी भी बढ़ेगी. इसके साथ ही आम के वृक्ष उनके खेतों में होने पर ग्रामीण आम की सूखी लकड़ियों का जलावन के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे और ग्रामीण जंगलों की ओर अन्य वृक्षों को नहीं काटेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details