चाईबासा: आम खाकर फेंके जाने वाली गुठलियों को एकत्रित कर पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा वन प्रमंडल ने एक अनूठी पहल की है. दरअसल, प्रमंडल गुठलियों को एकत्रित कर आने वाले कल को संवारने के लिए आम पौधे की नर्सरी बनाने में जुटा है. सारंडा वन प्रमंडल आने वाले कल के लिए 'आम खाकर गुठली फेंके नहीं हमें दें' मुहिम चला रहा है. वन विभाग के कर्मचारी गली-गली घूम कर लोगों से उनके आम की गुठलियां जमा कर रहे है. साथ ही सारंडा वन प्रमंडल एक जेनेटिक मैंगो बैंक नर्सरी बनाने का प्रयास कर रही है.
विभिन्न प्रजाति के आमों का संरक्षण
सारंडा वन प्रमंडल के डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि आमतौर पर लोग आम खाने के बाद गुठलियों को फेंक देते हैं, जिसे इकट्ठा कर ग्रामीणों के बीच बांटने की मुहिम शुरू की गई है. इस मुहिम से विलुप्त होती विभिन्न प्रजाति के आमों का संरक्षण तो होगा ही, साथ ही फलदार वृक्ष के माध्यम से लोग अपनी जीविका उपार्जन कर पाएंगे और इससे पर्यावरण का संरक्षण भी हो पाएगा.
अगले वर्ष आम के पौधे बनकर तैयार
डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि बारिश के समय में गुठलियों को पौधे के रूप में लगा सकते हैं. वर्तमान समय में सभी आम के शौकीन होते हैं. विभिन्न प्रकार के आम के लिए सारंडा प्रसिद्ध रहा है, लेकिन कलमी आम अब लुप्त होता जा रहा है. सभी लोग चाहते हैं कि बाहर से आने वाले कल में आम के वृक्ष यहां लगाया जाए और उनकी संख्या में वृद्धि की जाए. विभिन्न प्रकार के आम के लिए यहां का मौसम बिलकुल सही है. इसी को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार और प्रजाति के आम वृक्षों का संकलन सारंडा वन प्रमंडल के द्वारा किया जा रहा है. सारंडा वन प्रमंडल आम की गुठलियों इकट्ठा करवा रही है और अपने नर्सरी में लगवा रही है, जिससे अगले वर्ष आम के पौधे बनकर तैयार हो जाएंगे.