चाईबासा: महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, यौन हिंसा, घरेलू हिंसा और अपराधिक घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए झारखंड सरकार की पहल पर जिले में स्थापित "सखी वन स्टॉप सेंटर" कारगर साबित हो रहा है. पश्चिम सिंहभूम जिले के सदर अस्पताल में जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से 'सखी वन स्टॉप सेंटर' का संचालन किया जा रहा है. इस 'सखी वन स्टॉप सेंटर' में अपराधिक हिंसा की शिकार महिलाओं को जिला प्रशासन की ओर से 24 घंटे अपराधिक और अन्य मामलों में शिकार युवतियों को न्याय और मामलों का निस्तारण करने का कार्य कर रही है.
चाईबासा में 'सखी वन स्टॉप सेंटर' अस्थायी तौर पर संचालित
चाईबासा में 'सखी वन स्टॉप सेंटर' सदर अस्पताल परिसर में अस्थायी तौर पर 2019 से ही संचालित की गई है. यह सेंटर फिलहाल आयुर्वेदिक अस्पताल के बिल्डिंग में संचालित है, जिसमें वर्तमान में खाना बनाने की सुविधा नहीं है. इस कारण पीड़ित महिलाओं को कल्याण विभाग के हॉस्टल में रखकर ही लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. ऐसे में अब तक में 12 मामले आये हैं, जिसमें से 7 ऑफलाइन मामले आए थे. उन पीड़ित महिलाओं को चिकित्सा कानूनी और मानसिक सहायता भी मुहैया करवाई गई, साथ ही उनके मामलों को हस्तक्षेप करते हुए न्याय दिलाया गया है. 1 पीड़ित महिला को शेल्टर में रखा गया, जिसके बाद उनके मामले का का समाधान कर उन्हें घर भेजा गया.
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पीड़िता महिलाओं की समस्याओं का निष्पादन
सेंटर में घरेलू हिंसा, पति पत्नी के बीच विवाद, सास-ससुर की ओर से प्रताड़ना, देवर या ननंद की ओर से अत्याचार के साथ-साथ यौन उत्पीड़न, डायन बिसाही, अनैतिक अत्याचार, दहेज प्रताड़ना समेत दुष्कर्म पीड़िता की समस्याओं का निष्पादन किया जा रहा है. जिला समाज कल्याण विभाग के डीसीपीओ अनीता तिवारी बताती हैं कि राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार, 'वन स्टॉप सेंटर' में किसी भी पीड़िता को अधिकतम 5 से 6 दिनों तक रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है. इसके लिए इस सेंटर में 2 कमरों में 6 महिलाओं के लिए व्यवस्था की गई है, साथ ही उनके खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है.