चाईबासाः शहर के चाईबासा कॉलेज मोड़ से लेकर तांबो चौक होते हुए बाईपास क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले व्यस्त सड़कों को मौत का सड़क कहा जाता है. हादसों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कई नियम पारित किए हैं. नियमानुसार सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक भारी वाहनों के लिए नो एंट्री का समय निर्धारित किया गया. इसका भी कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है.
शहर में ट्रैफिक की लचर व्यवस्था के कारण सैकड़ों लोग अब तक मौत के मुंह में समा चुके हैं. यातायात व्यवस्था और पुलिस बल की घोर कमी है. जब से शहर का विस्तार हुआ है, चौक चौराहे भी बने हैं और लोगों की आबादी भी बढ़ी है. ऊपर से राष्ट्रीय राजमार्ग 75 ई होने के कारण दूसरे राज्यों से आने वाले भारी वाहनों का भी परिचालन बदस्तूर जारी रहता है.
यही वजह है कि इन क्षेत्रों में जाने वाले ट्रक चालक मनमाने ढंग से सड़क पर अपने वाहनों को खड़ा कर देते हैं. जिस कारण पिछले 3 माह में खड़ी गाड़ियों में ठोकर मारते हुए, कई दुर्घटनाएं घटी. जिला प्रशासन हर घटना के बाद यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात करते हुए मुआवजा देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है. ऊपर से रही सही कसर क्षेत्र में पड़ने वाले छोटे होटलों में भी बेरोकटोक अवैध रूप से शराब की बिक्री पूरी कर देती है. चालक शराब का सेवन कर वाहन चलाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है.