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चाईबासाः लचर ट्रैफिक व्यवस्था से परेशानी, मौत के साये में जीते हैं लोग

चाईबासा के व्यस्त सड़कों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. राष्ट्रीय राजमार्ग 75 ई होने से दूसरे राज्यों से भी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है. बड़े वाहनों से आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. इसपर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन सुबह 10 से रात 10 बजे तक नो एंट्री का समय निर्धारित किया है. जिसके बाद भी दुर्घटनाओं में कमी नहीं आई है.

सड़कों पर खड़े बड़े वाहन

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Published : Aug 21, 2019, 1:41 PM IST

चाईबासाः शहर के चाईबासा कॉलेज मोड़ से लेकर तांबो चौक होते हुए बाईपास क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले व्यस्त सड़कों को मौत का सड़क कहा जाता है. हादसों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कई नियम पारित किए हैं. नियमानुसार सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक भारी वाहनों के लिए नो एंट्री का समय निर्धारित किया गया. इसका भी कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है.

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शहर में ट्रैफिक की लचर व्यवस्था के कारण सैकड़ों लोग अब तक मौत के मुंह में समा चुके हैं. यातायात व्यवस्था और पुलिस बल की घोर कमी है. जब से शहर का विस्तार हुआ है, चौक चौराहे भी बने हैं और लोगों की आबादी भी बढ़ी है. ऊपर से राष्ट्रीय राजमार्ग 75 ई होने के कारण दूसरे राज्यों से आने वाले भारी वाहनों का भी परिचालन बदस्तूर जारी रहता है.

यही वजह है कि इन क्षेत्रों में जाने वाले ट्रक चालक मनमाने ढंग से सड़क पर अपने वाहनों को खड़ा कर देते हैं. जिस कारण पिछले 3 माह में खड़ी गाड़ियों में ठोकर मारते हुए, कई दुर्घटनाएं घटी. जिला प्रशासन हर घटना के बाद यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात करते हुए मुआवजा देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है. ऊपर से रही सही कसर क्षेत्र में पड़ने वाले छोटे होटलों में भी बेरोकटोक अवैध रूप से शराब की बिक्री पूरी कर देती है. चालक शराब का सेवन कर वाहन चलाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है.

सदर अनुमंडल पदाधिकारी सह जिला परिवहन पदाधिकारी परितोष ठाकुर ने लोगों की समस्याओं पर संज्ञान लेते हुए कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी हाईवे पेट्रोल टीम की है. जबकि होटलों में अवैध रूप से शराब की बिक्री पर भी रोक लगाना जिला उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की जिम्मेदारी है. राष्ट्रीय राज्य मार्ग सड़क पर अतिक्रमण करते हुए अगर कोई अपना वाहन खड़ा करता है, तो उसे मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माने के साथ कारावास का भी प्रावधान है.

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ऐसे में लोग सरकार और जिला प्रशासन से यातायात सुविधा और भारी वाहनों के पार्किंग व्यवस्था को बहाल करने की मांग उठाने लगे हैं. उनकी माने तो क्षेत्र में भारी वाहनों को सड़क पर खड़ा नहीं कर के सड़क के नीचे खेतों में पार्किंग की व्यवस्था अगर की जाए तो न केवल दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी, बल्कि जमीन मालिकों और स्थानीय युवकों को भी रोजगार मिल सकता है.

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