चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले की मुख्य सड़कें लगभग ठीक हो गई हैं. छोटे बड़े वाहन चालक अपने वाहनों को फर्राटा से भगाते हुए नजर आते हैं. तेज रफ्तार की वजहा से दुर्घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है. यही कारण है कि सिंहभूम की सड़कें अक्सर खून से लाल हो रही हैं.
चाईबासा की चकाचक सड़कों पर दौड़ रही मौत! इंसानी खून से लाल हो रहीं सड़कें - चाईबासा के मुख्य मार्ग पर हो रहा हदसा
चाईबासा की मुख्य सड़के बिल्कुल चकाचक हो गई है, जिसकी वजह से अब वाहन चालक फर्राटे से वाहनों को भगा रहे हैं. जिससे सड़क हादसे बड़ रहे हैं. आए दिन मुख्य मार्गो पर सड़क हादसे होते रहते हैं. जिसमें कई जानें भी जाती हैं. इसे लेकर पुलिस लगातार लोगों को जागरूक भी कर रही है और साथ ही चेंकिग अभियान भी चला रही है.
इतनी हो चुकी है दुर्घटनाएं
2018 में जिले में 215 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 154 लोगों की मौत हो गई
2019 में जिले में 234 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 181 की मौत हो गई
वंही 2020 में जिले में 220 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 186 लोगों की मौत हो चुकी है
वाहनों पर लगाए जाएंगे रिफ्लेक्टर
जिला परिवहन विभाग के कर्मचारी आनंद कुमार दुर्घटना होने का मुख्य कारण बताते हुए कहते हैं कि लोग सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों में भी पीछे से टक्कर मार देते हैं. जिसे लेकर सरकार ने अभी नियम निकाला है कि जितनी भी गाड़ियों की फिटनेस होगी सभी वाहनों में पीछे की ओर रिफ्लेक्टर लगाए जाएंगे. दूसरा यहां ड्रंक एंड ड्राइव का मामला अक्सर देखा जाता है इस पर अगर रोकथाम की जाए तो दुर्घटनाओं और मृत्यु के आंकड़ों में कमी आएगी.
पुलिस लगातार चला रही चेकिंग अभियान
जिला परिवहन पदाधिकारी अजय तिर्की ने बताया कि अधिकतर घटनाएं हेलमेट नहीं पहनने और ड्रंक एंड ड्राइव के कारण होती हैं. दोनों ही चीजों में हम लोगों की तरफ से प्रयास किया जा रहा है कि सरकार के दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाए, ताकि दुर्घटनाओं में कमी आए. इसके अलावा पुलिस के सहयोग से जिले के प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय में अभियान चलाकर लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं. साथ ही जिले में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग करें. ताकि लोग सतर्क हो जाएं वाहन नियम के अनुसार ही चलाएं, जिससे दुर्घटना में कमी आए. पुलिस की तरफ से जगह बदल-बदल कर वाहन चेकिंग अभियान चलाई जा रही है. अगर पिछले 1 वर्ष के आंकड़ों को देखा जाए तो लगभग 170 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं और इस दुर्घटनाओं में 100 से ऊपर लोगों की जान गंवानी पड़ी है.
इसे भी पढ़ें-देश में ऐसा अनूठा मंदिर जिसकी सीढ़ियां एक राज्य में तो दूसरे राज्य में गर्भगृह, जानें इस मंदिर की और खूबियां
प्रमुख स्थान पर चलाया जाएगा अभियान
इस संबंध में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि लॉकडाउन खोले जाने के बाद देखा गया कि विगत वर्ष के आंकड़ों के बराबर दुर्घटनाओं की संख्या पहुंच रही है. दुर्घटनाओं को कम करने को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. साथ ही तीखी मोड़ में मिरर लगाएं जाएंगे, ताकि लोग वंहा सतर्क होकर वाहन चलाएं. सड़क भी खराब होने के कारण कई बार दुर्घटनाएं होती हैं, कुछ जगह स्पीड ब्रेकर नहीं दिखने के कारण दुर्घटनाएं हो जाती हैं. इस क्षेत्र में दुर्घटनाएं दिसंबर माह के बाद माघे पर्व के दौरान होती है. विगत दिनों जिन जगहों पर अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं उन स्थानों को चिन्हित कर वहां पर जागरूकता अभियान चलाएंगे. इसके साथ ही सड़क किनारे दुकान चलाने वाले दुकानदार आदि को भी वॉलिंटियर्स बनाते हुए फोन नंबर आदि मुहैया करवाया जाएगा. ताकि दुर्घटना होने पर 108 या फिर स्थानीय पदाधिकारियों को सूचना दे सकेंगे.