चाईबासा: देश डिजिटल की ओर बढ़ रहा है और सभी जगह ऑनलाइन उद्घाटन का प्रचलन है. मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री सभी ऑनलाइन उद्घाटन कर सैकड़ों योजनाओं और भवनों का उद्घाटन कर चुके हैं, लेकिन ऑनलाइन उद्घाटन का परिणाम क्या होता है यह शायद ही कोई जानता होगा.
चाईबासा के किरीबुरू थाना लगभग 2 करोड़ रुपए से बना था. जिसका उद्घाटन विगत वर्ष 26 अगस्त 2016 को सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमशेदपुर के गोलमुरी पुलिस लाइन से पश्चिम सिंहभूम के घोर नक्सल प्रभावित सारंडा जंगल में स्थित नए थाना भवन का ऑनलाइन उद्घाटन किया था. मकसद बस इतना था कि नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में पुलिस को अत्याधुनिक सुविधा से लैस थाना भवन मिलेगा, लेकिन मुख्यमंत्री के हाथों ऑनलाइन उद्घाटन होने के बावजूद लगभग 4 वर्ष बीत गए. लेकिन किरीबुरू थाना नए भवन में पुलिस कर्मचारी शिफ्ट नहीं हो पाए हैं.
नवनिर्मित किरीबुरू थाना में पुलिस कर्मचारियों के शिफ्ट नहीं होने के कारण सीएम के हाथों ऑनलाइन उद्घाटन हुई इस नए थाना भवन में अब असमाजिक तत्वों का बसेरा बन गया है. इस थाने में जुआ और शराब बेरोक टोक चलती है. थाना भवन देख रेख के आभाव में शुरू होने से पहले जर्जर होता जा रहा है. खिडकियों के शीशे तोड़े जा चुके हैं, कई कमरों के ताले तोड़े जा चुके हैं, थाना के चारों तरफ झाड़ियां उग आई है, कहा जाए तो असमाजिक तत्वों के लिए यह थाना पनाहगाह बना हुआ है. लेकिन पुलिस अपने थाने को न तो सहजने में कोई रूचि दिखा रही है और न ही इसे शुरू करने की दिशा में कोई पहल होता नजर आ रहा है.