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CRPF जवानों की हत्या में शामिल नक्सली गिरफ्तार, इनामी माओवादी नक्सली अनमोल दा दस्ते का है सदस्य - गिरफ्तार नक्सली राजेंद्र मुंडा

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिम सिंहभूम पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. चाईबासा के किरीबुरू थाना पुलिस ने गुरुवार देर शाम को इनामी माओवादी नक्सली अनमोल दा दस्ते के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार नक्सली

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Published : Nov 15, 2019, 2:22 AM IST

चाईबासा:विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम सिंहभूम पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. सेल कर्मियों को अगवा करने और सीआरपीएफ जवानों की हत्या में शामिल एक नक्सली को किरीबुरू थाना पुलिस ने गुरुवार देर शाम को गिरफ्तार किया है.

पश्चिम सिंहभूम जिले के टेबो थाना क्षेत्र अंतर्गत दारोम गांव से कई नक्सली कांडों में करीब 16 वर्षो से फरार चल रहे नक्सली राजेंद्र मुंडा उर्फ राजेंद्र नाग उर्फ बासिल अंधोनी नाग को किरीबुरु पुलिस ने गुरुवार देर शाम को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सली वर्षों से सारंडा के बीहड़ जंगल को अपना ठिकाना बना कर नक्सली घटनाओं को अंजाम दे रहा था. वह पुलिस बल को निशाना बनाने और कई नक्सली घटनाओं में नामजद इनामी माओवादी नक्सली अनमोल दा दस्ते के सदस्य के रूप में काम करता था. अब नक्सली राजेंद्र मुंडा उर्फ राजेंद्र नाग की गिरफ्तारी से पुलिस को कई नक्सली घटनाओं की गुत्थी सुलझाने में भी मदद मिलेगी.

SAIL कर्मियों को छोड़ने के एवज में मांगे थे 7 करोड़

पुलिस पुछताछ के दौरान गिरफ्तार नक्सली राजेंद्र मुंडा ने बताया कि वह साल 2002 से अनमोल दा के संपर्क में था और कुरियर बॉय के रूप में काम कर रहा था. वह अनमोल दा के दस्ते में राशन, पानी, कपड़ा, वर्दी पहुंचाने जैसे कार्यों को करता था. वहीं, गिरफ्तार नक्सली ने पुलिस को बताया कि अप्रैल, 2003 में अनमोल दा दस्ते के साथ अपने सक्रिय नक्सली साथियों मंगरा बावला, जॉर्ज वाला के साथ मेघाहातुबुरु सेल के जनरल मैनेजर सहित उनके 3 साथियों को अपहरण कर लिया था. जिसके बाद इन सभी को छोड़ने की एवज में सेल कंपनी से 15 दिनों के अंदर 7 करोड़ रुपए और SAIL के मुनाफे में 30% लेवी के रूप में प्रत्येक साल देने की मांग की थी. लेकिन, अपहरण के कुछ देर बाद ही SAIL के सभी कर्मचारियों को पुलिस ने छुड़ा लिया था.

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2006 में 12 CRPF जवानों को आईईडी से उड़ाया था

वहीं, अपने अपराध को स्वीकारते हुए राजेंद्र मुंडा ने बताया कि अनमोल दा दस्ते के साथ 2006 में वह दूसरी सबसे बड़ी घटना घटना को अंजाम दिया था. सीआरपीएफ और जिला पुलिस के सशस्त्र बल के जवान जब थलकोबाद में आईईडी को निष्क्रिय करके वापस लौट रहे थे, तब अनमोल दा के दस्ते ने बम लगाकर सभी जवानों को गाड़ी सहित उड़ा दिया था. किरीबुरू थाना क्षेत्र अंतर्गत कलैयता-मिर्चिगढ़ा में हुए इस हादसे में सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हो गए थे, जबकि इस घटना में पुलिस के कई वाहन टुकड़े-टुकड़े हो गए थे. इस घटना में राजेंद्र मुंडा खुद शामिल था. बता दें कि पुलिस को राजेंद्र से पुछताछ के दौरान नक्सलियों से जुड़ी कई अहम सूचना मिले हैं, जो नक्सली संगठन को जड़ से समाप्त करने में पुलिस के लिए सहायक होगी.

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