चाईबासा: संपत्ति विरुपण (स्वरूप में बदलाव) अधिनियम के एक मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कांग्रेस नेता डॉ अजय कुमार और अन्य दो लोगों को चाईबासा कोर्ट ने बरी कर दिया है. ये मामला वर्ष 2011 का है.
शनिवार को चाईबासा में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ऋषि कुमार की अदालत में संपत्ति विरुपण अधिनियम के एक मामले में सुनवाई की गयी. जिसमें मंत्री बन्ना गुप्ता, कांग्रेस नेता डॉ अजय कुमार समेत दो अन्य नेता अदालत के सामने उपस्थित हुए. सुनवाई के बाद कोर्ट ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में इन चार नेताओं को बरी कर दिया. इस संबंध में 18 मार्च को चाईबासा जिला कोर्ट में इन सभी नेताओं का बयान दर्ज किया गया था.
इस मामले में बीते शनिवार को सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट की ओर से इन चारों नेताओं को बरी कर दिया गया. इसके बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने बताया कि चारों के खिलाफ रेलवे की जमीन पर बिना सूचना दिए अपनी अपनी पार्टी का बैनर और पोस्टर लगाने का आरोप था.
जानिए, क्या है पूरा मामलाः प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार, फिरोज खान और नट्टू झा पर वर्ष 2011 में जुगसलाई थाना क्षेत्र में बिना अनुमति के दूसरी की संपत्ति पर पार्टी का बैनर टांगने का आरोप था. स्वास्थ्य मंत्री सह कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता ने अपनी पार्टी का बैनर और जेवीएम नेता डॉ. अजय कुमार ने झारखंड विकास मोर्चा का बैनर उक्त संपत्ति पर लगा दिया था.
इस मामले को लेकर जुगसलाई थाना में मंत्री बन्ना गुप्ता, कांग्रेस नेता डाॅ अजय कुमार, फिरोज खान व नटटू झा के खिलाफ रेलवे पदाधिकारी सुनील कुमार चौधरी के बयान पर 26 जून 2011 को नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसी मामले पर शनिवार को चाईबासा कोर्ट में सुनवाई की गयी और सभी नेताओं को बरी किया गया.