चाईबासा: लॉकडाउन के कारण सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं. झारखंड में भी सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल बंद हैं. ऐसे में सरकार ने छुट्टी के दौरान सरकारी स्कूलों के बच्चों को मध्यान्ह भोजन के जगह पैसा और भोजन सामग्री देने का आदेश दिया है, लेकिन मझगांव प्रखंड अंतर्गत खैरपाल सीआरसी के कई स्कूलों के बच्चों को मध्यान भोजन का पैसा नहीं मिला है.
कोरोना वायरस से बचाव के लिए झारखंड के स्कूलों में फिलहाल मध्यान्ह भोजन बंद कर दिया गया है. पके हुए खाने के बजाए अब बच्चों को कच्चा अनाज देने का फैसला सरकार ने लिया है. ऐसे में अब तक इस क्षेत्र के स्कूली बच्चों को ना ही चावल दिया गया है और ना ही पैसा. कोरोना को लेकर स्कूलों के बंद रहने के कारण मिड डे मील बंद है. इसके एवज में छात्रों को खाद्यान्न (चावल) और राशि देना है. राज्य सरकार ने इसको लेकर आदेश जारी किये थे. इसके तहत विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य और प्रभारी शिक्षक मार्च से लेकर मई के लिए निर्धारित खाद्यान्न और कुकिंग कॉस्ट के अलावा अंडा की राशि छात्रों के बीच जाकर वितरित करेंगे, लेकिन शिक्षक के अपने मनमानी से अब तक कई स्कूलों के बच्चों को राशि नहीं मिली है. जबकि विभाग ने चावल और कुकिंग कॉस्ट की राशि समिति के खाते में उपल्बद्ध करा चुकी है.