चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम में झारखंड विधानसभा के प्रश्न और ध्यानाकर्षण समिति के सभापति सह जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा के विधायक सरयू राय के अध्यक्षता में बैठक हुई. चाईबासा परिसदन में हुई मीटिंग में नोवामुंडी के बोकारो साइडिंग में वर्ष 2010 में घटी चोरी की घटना के बाद मामले को लेकर कोई कार्रवाई ना होने से समिति के सभापति ने जिला प्रशासन से कई सवाल जवाब किए. मामले पर जानकारी देते हुए सरयू राय ने कहा कि कांड दर्ज हुए कई वर्ष गुजर जाने के बाद भी इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई ऐसे में इस मामले की स्वतंत्र जांच करवाने की जरूरत महसूस हो रही है.
उन्होंने कहा कि मामले के 10 वर्ष बीत चुके हैं उसके बावजूद भी पुलिस अनुसंधान के मामले में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है. इस बैठक में उन्होंने अनुसंधान के बिंदुओं की जानकारी देते हुए अनुसंधान शुरू करने को कहा है. उन्होंने कहा कि यहां की पुलिस जिला खनन कार्यालय से ही सूचना मांगेगी तो अनुसंधान कैसे पूरा हो सकेगा. कई बिंदु ऐसी हो सकती है जिस पर पुलिस तथ्य जुटाए. उन्होंने बैठक में कहा कि तत्कालीन उपायुक्त ने किस आधार पर उन्होंने 50 हजार मैट्रिक टन लौह अयस्क जब्त करवाया था और किस आधार पर जिला खनन कार्यालय ने उस जब्त लौह अयस्क की बिक्री कर दी या फिर किसी को दे दिया. जबकि मामला पुलिस में है ऐसे में कोर्ट के बिना अनुमति के लौह अयस्क कंपाउंडिंग नहीं की जा सकती है. कई समितियों ने इस मामले की जांच की किसी ने 50 हजार टन तो किसी ने 90 हजार टन लौह अयस्क होने की बात कही. उसके बाद 7000 टन लौह अयस्क चोरी हो गया, कौन चोरी किया, किसने चोरी की या चोरी हुई कि नहीं हुई, अगर चोरी नहीं हुई तो रिपोर्ट कैसे हो गई, डीसी ने क्यों आदेश दे दिया की 50 हजार टन का स्टॉक है आप जब्त कर लीजिए. यह सारे बिंदु है जिस पर संदेह हो रहा है इसलिए जल्द से जल्द यह लोग हमें रिपोर्ट सौंपें जिसे हम समिति के प्रतिवेदन की अनुशंसा को हम लागू करा सकें.
बोकारो साइडिंग से लौह अयस्क की चोरी को लेकर बैठक, विधानसभा ध्यानाकर्षण समिति का चाईबासा दौरा
पश्चिम सिंहभूम जिला में झारखंड विधानसभा के प्रश्न और ध्यानाकर्षण समिति के सभापति सह जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा के विधायक सरयू राय की अध्यक्षता में बैठक हुई. चाईबासा परिसदन में हुई बैठक में नोवामुंडी के बोकारो साइडिंग में वर्ष 2010 में घटी चोरी की घटना को लेकर कोई कार्रवाई ना होने से समिति के सभापति ने जिला प्रशासन से कई सवाल जवाब किए.
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उन्होंने कहा कि बैठक में जिला खनन पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी शामिल रहे. वो लोग गोलमटोल जवाब दे रहे थे, हमने उनसे कहा है कि जवाब स्पष्ट दें और अगर जवाब नहीं है तो हम लोग अनुशंसा करेंगे कि जिला प्रशासन, जिला खनन कार्यालय और जिला पुलिस इसमें कोई रुचि नहीं रख रही है. 2013 में जांच समिति ने अनुशंसा किया है कि किसी बाह्य एजेंसी से इसकी जांच कराई जाए. हम लोगों से ही आगे बढ़ाते हुए बाह्य एजेंसी को जांच का आदेश देंगे.