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उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक संपन्न, कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा - चाईबासा में सारंडा पोड़ाहाट के विकास को लेकर डीसी की बैठक

चाईबासा शहर के सारंडा पोड़ाहाट के विकास को लेकर डीसी अरवा राजकमल ने बैठक की. बैठक में उपायुक्त के साथ साथ कई वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे. इस बैठक में उपायुक्त ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की.

उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक संपन्न
उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक संपन्न

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Published : Sep 3, 2020, 4:45 AM IST

चाईबासा:शहर के सारंडा पोड़ाहाट के विकास को लेकर डीसी अरवा राजकमल ने बैठक की. बैठक में सारंडा वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार, चाईबासा वन प्रमंडल पदाधिकारी सत्यम कुमार, पोड़ाहाट वन प्रमंडल पदाधिकारी नितेश, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी एजाज अनवर सहित सड़क निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता के साथ समाहरणालय स्थित सभागार में आयोजित बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित रहे.

जानकारी देते उपायुक्त

उपायुक्त ने बताया कि सड़क निर्माण से संबंधित कोई अन्य कागजात या जिला प्रशासन से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता है, तो इन्हें दूर करते हुए सड़क का निर्माण यथाशीघ्र करने को लेकर बैठक में विस्तृत रूप से चर्चा की गई है. इसके साथ ही जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को भू-अर्जन के लिए आवश्यक राशि की आवश्यकता विशेषकर उक्त तीनों सड़कों पर फोकस करते हुए विभाग को भी सूचना उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया गया है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत आरईओ विभाग से बनाए जाने वाली छोटी-छोटी सड़कों के निर्माण में भी वन विभाग के जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र के संबंध में बैठक की समीक्षा की गई है. इसके साथ ही बहुत जल्द ही इस पर अपेक्षित कार्रवाई करने का आश्वासन वन प्रमंडल के पदाधिकारियों ने दिया है.

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही वन ग्राम विशेषकर रांगरिंग, नुइयांगढ़ा जिसका दौरा प्रमंडलीय आयुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में विगत दिनों किया गया था. उस क्षेत्र में भी आवश्यकता के अनुसार सड़क बनाने के लिए यदि जमीन वन भूमि के अंदर है, तो वन विभाग की ओर से सड़क बनाया जाएगा. उससे भी संबंधित चर्चा बैठक में की किया गया है.

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उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन उक्त वन ग्राम तक पहुंचने के लिए एक अलग सड़क बनाने के लिए प्रयासरत है. जिसमें वन विभाग के द्वारा रांगरिंग गांव तक रास्ता निकाला गया है. इससे आगे नुइयांगढ़ा जाने के लिए करीब 2 से 3 किलोमीटर सड़क निर्माण की आवश्यकता होगी, तो इस संबंध में भी संबंधित विभाग के अभियंता को उक्त स्थान पर मिट्टी का जांच करते हुए कि वहां पर पक्की सड़क या मोरम सड़क की आवश्यकता का अवलोकन करने का निर्देश दिया गया है.

उन्होंने बताया कि प्रशासन को जितना जल्द वन ग्रामों को मुख्यधारा से जोड़ते हुए बेसिक सुविधा यथा स्वास्थ्य, शिक्षा, राशन के साथ-साथ जो भी मूलभूत सुविधा और आवश्यक सेवा वहां उपलब्ध करवाई जा सकती हैं. उतना ही उन क्षेत्र के ग्रामीणों को फायदा होगा से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा भी की गई है.

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