रांची/चाईबासा: समय कम है, समस्या ज्यादा है और सफर लंबा है. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चाईबासा में गुवा गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि के लिए आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कही. सीएम ने कहा कि जो पिछले 20 सालों में नहीं हुआ उसे करने का काम हमारी सरकार कर रही है. हम लोग काम कर रहे हैं कुछ लोग केवल बयान देते हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आप की परेशानी को समझने और आपका आंसू को पूछने वाला कोई नहीं है. विकास को लेकर शहर से बोलने वाले बहुत हैं, लेकिन वहां से गांव आने वाला कोई नहीं है. आप के दुख दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है आप के आंसू पोछने वाला कोई नहीं है, हां आपके बारे में बड़ी-बड़ी बातें करने लोग आएंगे. बहुत बड़ी-बड़ी चर्चा करने आएंगे. लेकिन आपके लिए काम करने वाला कोई नहीं आएगा. इसलिए यह जान लीजिए जो आप के लिए काम करने वाले हैं वह आज आप के सामने हैं, उन्हें पहचान लीजिए.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि विगत सालों में जो नहीं हुआ हम उसे कर रहे हैं. रातों-रात चीजें नहीं बदलतीं हैं, लेकिन हम बदलाव करने का शपथ लिए हैं और हम करके रहेंगे. सीएम ने कहा कि बूढ़ा पहाड़ किस तरह देख लीजिए. बूढ़ा पहाड़ में किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं थी. लेकिन आज वहां सड़क है, बिजली है, पानी है, पढ़ाई की व्यवस्था है, चीजों को सुधारने का काम हम लगातार कर रहे हैं. हमारे पास कोई जादुई छड़ी नहीं है कि हम चीजों को बदल दें लेकिन हमने जो वादा किया है उसे हम करने की कोशिश कर रहे हैं और यही वजह है कि अपने काम के नाते पूरे देश में हम जाने जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश की पूरी राजनीति में हम इकलौते मुख्यमंत्री हैं जो दिल्ली के लोगों की आंख को नहीं भाते हैं. हम इकलौते मुख्यमंत्री हैं जो पूरे देश में अकेले आदिवासी दिवस मनाते हैं और आदिवासियों को एक प्लेटफार्म पर एक साथ खड़ा करने का काम किया है. हमने आदिवासियों को मजबूत करने का काम किया है और विकास को आगे ले जाने के लिए हम हर प्रयास करेंगे.
पहले 20 सालों में जो होना चाहिए था यहां नहीं हुआ, और जो नहीं हुआ उसे हम करेंगे. हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए आप लोगों ने ठान लिया है यह बहुत खुशी की बात है. सीएम हेमंत ने कहा कि अब आदिवासी समाज को अपनी पहचान को बचाने के लिए फिर से एक लड़ाई लड़ना पड़ेगा. केन्द्र की सरकार ने हम लोगों का जनगणना में आदिवासी पर कॉलम हटा दिया, अब आदिवासी का कॉलम जोड़ने के लिए हम लोगों को लड़ना होगा. दिल्ली में भी जाना होगा तैयार रहिए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई परिसम्पतियों का वितरण भी किया.