चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले में अपनी आस्था और परंपरा के अनुसार सादगी पूर्ण तरीके से शक्ति स्वरूप मां मंगला की पूजा अर्चना पूरी क्षेत्र भर में की गई. वहीं पूजा के दौरान पूरे विश्व एवं देशभर में फैलते कोरोनावायरस का संक्रमण को ध्यान में रखते हुए लोक डाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने मां मंगला की पूजा अर्चना की.
इस साल नग्न रही ढोल ताशा की आवाज
इस दौरान किरीबुरू थाना के पुलिस जवान भी पूरी चौकसी बरती. पुलिस निरंतर गश्त लगाते रहे ताकि पूजा के दौरान लोग भीड़ इकट्ठा न हो सके. इस साल मां मंगला की पूजा के क्रम में ढोल ताशा की आवाज भी नग्न रही. कोरोनावायरस संक्रमण जैसी भयानक महामारी से अभिलंब देश को निजात दिलाने के लिए श्रद्धालुओं ने मां मंगला से कामना किया.
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चैत्र में होती है मैं मंगली की पूजा
मालूम हो कि प्रत्येक वर्ष चैत माह में सभी मंगलवार को मां मंगला की पूजा मंगल कामना की पूर्ति के लिए महिलाओं के द्वारा किया जाता है. गांव की महिलाएं नए वस्त्र पहनकर ढोल ताशों के साथ गांव से तालाब तक मां मंगला की पूजा करते हैं. इसके साथ ही तालाब से लौटने के क्रम में मां मंगला की निकली शोभायात्रा में के दौरान महिलाएं एवं बच्चे जमीन पर लेटकर शोभायात्रा में शामिल मां मंगला के प्रतिमा उनके ऊपर से गुजरती है. ऐसी मान्यता है कि इससे भक्तों के ऊपर आने वाली सारी बाधाएं और विपत्तियां मां हर लेती हैं.
सबने कोरोना महामारी खत्म करने की मांगी मन्नत
मां मंगला को प्राकृतिक मैं उपजे फल-फूल सहित अन्य सामग्रियों का भोग उन्हें श्रद्धालुओं के द्वारा अर्पित किया जाता है. श्रद्धालु मां मंगला से मनचाहे मुरादें भी मांगते है, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण जैसी बीमारी का इस पूजन कार्य में एक अलग ही असर देखा गया.