चाईबासा: लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों से पश्चिमी सिंहभूम जिले में करीब 27,000 प्रवासी श्रमिक वापस आए हैं. उसमें से करीब 22,000 से अधिक श्रमिकों का विस्तृत डेटाबेस जिला प्रशासन के पास उपलब्ध है. वहीं कोई भी श्रमिक व्यक्तिगत रूप से कहीं जाना चाहता हैं या रोजगार ढूंढना चाहता हैं तो अपने पंचायत क्षेत्र के पंचायत सेवक के पास निबंधन पत्र भरने के बाद ही जाएंगे. इसके लिए जिला प्रशासन ने लाल और हरा प्रपत्र पंचायत सेवक के पास उपलब्ध करवाया गया है.
निबंधन की प्रक्रिया को आवश्यक बनाया गया
उपायुक्त अरवा राजकमल ने वापस लौटे सभी श्रमिकों से अपील करते हुए कहा है कि आपकी सुरक्षा और आपके परिवार की सुरक्षा झारखंड सरकार की प्राथमिकता है. इसी के मद्देनजर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर निबंधन के प्रक्रिया को आवश्यक बनाया गया है. उन्होंने बताया कि कोई भी श्रमिक भाई-बहन व्यक्तिगत रूप से कहीं जाना चाहता हैं या कोई ऐसा व्यक्ति जो वहां जाकर रोजगार ढूंढना चाहता हैं, किसी को अगर व्यक्तिगत रूप से रोजगार का आमंत्रण मिला हो तो वैसे सभी श्रमिक अपने पंचायत सेवक के पास उपलब्ध सरल प्रपत्र के माध्यम से केवल अपना आधार कार्ड, रोजगार का आमंत्रण(यदि प्राप्त हुआ है), गंतव्य स्थान की सूचना और अपना संपर्क सूत्र उपलब्ध करवाएं.
जारी कार्ड से श्रमिकों को होगा फायदा
उपायुक्त ने जानकारी दी कि वहीं बहुत आवश्यकतानुसार समूह में जैसे 5-10 व्यक्ति एक साथ जाना चाहते हैं, तब भी आप पंचायत सेवक से मिलकर इसी प्रपत्र को भर कर दें तदुपरांत आपको एक लाल कार्ड जारी किया जाएगा. उपायुक्त ने बताया कि इस जारी कार्ड से फायदा यह होगा कि यदि भविष्य में इस जिले के श्रमिक के साथ उनके कार्य स्थल(अन्य राज्य) पर यदि कोई दुर्घटना होती है तो वैसी परिस्थिति में झारखंड सरकार से देय लाभ आपको उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ-साथ विस्तृत जानकारी उपलब्ध रहने से समय-समय पर सरकार के श्रम विभाग के पदाधिकारीगण भी निरंतर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि वहां जो भी श्रमिक के लिए आवश्यक सुविधा(सरकार के द्वारा निर्धारित) है, वह नियोक्ता के द्वारा उपलब्ध करवाया गया है या नहीं या आपको प्रताड़ित किया जा रहा है.