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चाईबासा: कोरोना टेस्ट में लगातार हो रही बढ़ोतरी, नहीं कम रही पॉजिटिव मरीजों की संख्या

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Published : Sep 18, 2020, 10:58 PM IST

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन की ओर से भी कोरोना जांच को लेकर दो बार विशेष अभियान चलाया गया, इसके बावजूद कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या रोजाना बढ़ रही है, जो जिला प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.

कोरोना टेस्ट में हो रही लगातार बढ़ोतरी
कोरोना टेस्ट में हो रही लगातार बढ़ोतरी

चाईबासा:सरकार के निर्देश के बाद राज्य के सभी जिलों के स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना संक्रमण जांच का आदेश दे दिया गया है. पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन की ओर से भी कोरोना संक्रमण की जांच को लेकर दो बार निर्धारित लक्ष्य के साथ विशेष अभियान चलाया गया है. इसके बावजूद कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या रोजाना बढ़ रही है. यही कारण है कि कोरोना जांच करवाने वालों की जांच में कमी देखने को नहीं मिल रही है. लोग प्रतिदिन स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल पहुंच रहे हैं और कोरोना जांच करा रहे हैं.

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विशेष अभियान चलाया

राज्य सरकार के निर्देश के बाद पश्चिम सिंहभूम जिले के 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के पोषित क्षेत्र अंतर्गत 18 प्रखंडों के पंचायतों में रैपिड एंटीजन जांच किट से विशेष अभियान चलाया गया. इस विशेष अभियान का आयोजन जिला प्रशासन की ओर से पूरे जिले में दो बार किया जा चुका है, जिसमें लगभग 18 हजार लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है. इसके बाद भी प्रतिदिन लोग अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंच रहे हैं और संक्रमण की जांच करा रहे हैं.

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रोजाना छह सौ लोगों तक की जांच

इधर, निजी लैब में कोरोना जांच की अनुमति दे दी गई है, ताकि सरकारी परीक्षण केंद्रों पर भीड़ कम हो सके, लेकिन पश्चिम सिंहभूम जिले के निजी लैब में कोरोना की जांच नहीं की जा रही है. ऐसे में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना संक्रमण जांच करवाने को लेकर लगातार लोग पहुंच रहे हैं. पूरे जिले की अगर बात करें तो, जिले भर में रोजाना 500 से 600 लोग कोरोना जांच करवाने पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल प्रबंधक की मानें तो, अस्पतालों में पहुंचने वाले करीब सभी लोगों की कोरोना जांच की जा रही है.

जांच किट की उपलब्धता में नहीं है कोई कमी

खास बात यह है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से टेस्ट सैंपल लेने की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है. लोग कभी भी आकर अपना जांच करवा सकते हैं. अस्पताल ने ऐसी व्यवस्था कर रखी है कि जांच के 10 से 15 मिनट के अंदर उनकी रिपोर्ट भी ट्रूनेट के माध्यम से दे दी जाती है. ट्रूनेट की इमरजेंसी रहने पर अरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट एमजीएम अस्पताल भेजी जाती है. यह रिपोर्ट भी 1 या 2 दिनों में आ जाती है. उन्होंने बताया कि अभी तक ऐसी नौबत नहीं आई है कि कोरोना जांच किट कभी खत्म हो गई हो. हमेशा अतिरिक्त किट अस्पताल में रखी जाती है. अचानक किट खत्म होने से कर्मचारी फोन से संपर्क करते हैं और उन्हें किट उपलब्ध करवा दी जाती है.

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45 हजार लोगों की जांच कराई

कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ संजय कुजूर ने बताया कि टेस्ट में कोई कमी नहीं आ रही है. लगातार जिले में जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है. फिलहाल, लगातार स्पेशल ड्राइव भी चलाया गया है, जिसमे अधिक से अधिक लोगों की जांच की गई. लोगों की जांच रैपिड एंटीजन, ट्रूनेट और आरटीपीसीआर से की जा रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड में कई ऐसे निजी लैब हैं, जिन्हें सरकार ने कोरोना जांच के लिए मान्यता दी है, लेकिन चाईबासा में ऐसी कोई भी निजी लैब नहीं है, जहां लोगों की जांच की जा सके. उन्होंने बताया कि जिले में 45 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है. इसके अलावा पिछले तीन दिनों में रैपिड एंटीजन से करीब 18 हजार टेस्ट किये गए हैं.

ट्रूनेट मशीन से की जा रही है जांच

नोडल अधिकारी ने बताया कि कोरोना जांच में लोगों का भी अच्छा सहयोग मिल रहा है. लोग बढ़-चढ़कर अपना जांच करवा रहे हैं. इस जांच अभियान के दौरान 114 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, लेकिन अभी तक कही से भी विरोध का मामला सामने नहीं आया है. जिले के मनोहरपुर, चक्रधरपुर, जगन्नाथपुर में एक-एक ट्रूनेट मशीन लगाए गए हैं, जबकि सदर अस्पताल चाईबासा में दो ट्रूनेट मशीन से निरंतर जांच की जा रही है. सरकारी कर्मचारियों की कमी तो जरूर है, लेकिन जितने भी रिसोर्स हैं, उनका सही रूप में उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने बताया हाल ही में स्पेशल ड्राइव चलाया गया था, जिसमें 10-10 ट्रेंड टीम का समूह बनाकर भेजा गया था. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया था.

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पॉजिटिव मामले में दिख रही है कमी

सदर अस्पताल चाईबासा के सिविल सर्जन ओम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि पहली बार रूरल सेगमेंट में कोरोना वायरस जांच की गई है. इससे पहले शहरी क्षेत्रों में ज्यादातर जांच होती थी, लेकिन रूरल सेगमेंट में जांच होने से उन्हें इसकी जानकारी मिल रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कितने कोरोना संक्रमण मरीज है. ग्रामीण क्षेत्रों में एक या दो लोग ही पॉजिटिव मिल रहे हैं. जांच के दौरान कोरोना पॉजिटिव मामले में कमी आई है, लेकिन संक्रमण जांच में अब तक कोई भी कमी नहीं आई है. निजी लैबों की बात करें तो, इस जिले में कोई ऐसा निजी लैब नहीं है जो कोरोना संक्रमण की जांच कर रहे हैं.

500 से 600 लोगों की रोजाना हो रही है जांच

सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना जांच को लेकर चलाए जा रहे स्पेशल ड्राइव को अगर छोड़ दिया जाए तो, रोजाना 500 से 600 लोगों की जांच की जा रही है. रोजाना टेस्ट सैंपल लेने या जांच की कोई सीमा तय नहीं की गई है. अभी तक ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है कि किट खत्म हो गई हो. इसकी कमी को देखते हुए वे लोग पहले ही डिमांड भेज देते हैं. इतना ही नहीं, अभी तक शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों से विरोध किए जाने का मामला संज्ञान में नहीं आया है. सभी जगह निरंतर टेस्ट की जा रही है. अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की कमी तो बनी हुई है, लेकिन किसी तरह मैनेज कर कार्य किये जा रहे हैं.

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