चाईबासा:झारखंड में इन दिनों चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है. उम्मीदवार चुनाव चिन्ह मिलने के बाद से ही अपने-अपने विधानसभा की जनताओं की प्राथमिकताएं गिनवा रहे हैं. इसी क्रम में चक्रधरपुर विस सीट से जेएमएम प्रत्याशी सुखराम उरांव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपनी जीत का दावा किया है.
कभी BJP तो कभी JMM को अपनाते रहे हैं सुखराम
चक्रधरपुर विधानसभा सीट से सुखराम उरांव एक बार फिर जेएमएम की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. वे 2005 में चक्रधरपुर सीट से जेएमएम की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान सुखराम जेएमएम छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे और इस सीट से बीजेपी की टिकट पर अपनी पत्नी नवमी उरांव को चुनाव लड़ाया था, लेकिन जेएमएम के शशि भूषण सामड से वे चुनाव हार गई थी. जिसके बाद सुखराम उरांव ने एक बार फिर से साल 2018 में जेएमएम में वापसी की है.
स्वास्थ्य और शिक्षा दुरुस्त करना हमारी पहली प्राथमिकता
सुखराम उरांव से ईटीवी भारत के संवाददाता देवेंद्र कुमार ने चुनाव के जुड़े मुद्दों पर खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कि विगत 5 सालों में वर्तमान बीजेपी सरकार की कई ऐसी नाकामियां हैं, जिनको लेकर वह जनता के बीच जा सकते हैं, लेकिन अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के पास वे स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर जाना चाहते हैं. सुखराम की माने तो चक्रधरपुर अनुमंडल में स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति काफी खराब है. अस्पताल में एक्स-रे, ईसीजी जैसे जरुरी उपकरणों की सुविधाएं नहीं हैं. ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को निजी अस्पतालों में अपना इलाज कराना पड़ रहा है. वहीं, चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र में स्कूली शिक्षा की हालत बहुत ही दयनीय है. हम सरकार में आते ही इसपर विशेष ध्यान देकर व्यवस्था को दुरुस्त कराएंगे.