जमशेदपुर: सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर कांग्रेस के सभी नेता पीएम मोदी और बीजेपी सरकार पर हमला करने से चूक नहीं रहे हैं. ताजा हमला कांग्रेस के पूर्व सांसद अजय कुमार ने किया है. उन्होंने इस प्रोजेक्ट को बेकार बताते हुए जनता के लिए अस्पताल और वेंटिलेटर की मांग की है.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर क्या बोले अजय कुमार, देखें वीडियो ये भी पढ़ें-सालखन मुर्मू ने TAC के नोटिफिकेशन का किया विरोध, बताया कानून के खिलाफ
क्या कहा अजय कुमार ने ?
जमशेदपुर के पूर्व सांसद सह कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार ने कोरोना काल के वर्तमान हालात पर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की आलोचना की है. उन्होंने कहा इस पैसे से देश मे टीकाकरण और वेंटिलेटर के साथ हजारों अस्पताल बनाकर जनता का इलाज कराया जा सकता था. उन्होंने कहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट एक कानूनी मुद्दा नहीं,बल्कि पीएम की गलत प्राथमिकताओं का मामला है.
अस्पतालों पर ध्यान दे सरकार
डॉक्टर अजय कुमार ने कहा कि सेंट्रल विस्टा की लगभग 20 हज़ार करोड़ की लागत में सरकार देश की सौ करोड़ जनता को वैक्सीन देने का काम कर सकती है. वर्तमान हालात में इस पैसे 2 लाख वेंटिलेटर और 1 हजार अस्पताल बनाया जा सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि आपदा की इस घड़ी में सरकार कभी भी इस महामारी के प्रति गंभीर नहीं रही. जिसके कारण हमने अपने कई भाई-बहनों को खो दिया है. उन्होंने कहा है कि यह आश्चर्य की बात है कि 12 एकड़ से अधिक भूमि में सुंदर पेड़ों से घिरे 7 रेस कोर्स रोड में प्रधानमंत्री के लिए 7 बंगले हैं जो एसपीजी द्वारा संरक्षित हैं. लेकिन यह मोदी जी के लिए काफी नहीं.
पीएम को अपना नाम बड़ा करने का शौक
अजय कुमार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अहंकारी हैं उन्हे अपने नाम को बड़ा करने का शौक है. यही वजह है कि उन्होंने हाल ही में गुजरात में बने एक स्टेडियम को अपने नाम पर रखवा दिया.यह पहली बार है कि किसी जीवित प्रधानमंत्री के नाम पर स्टेडियम का नाम रखा गया हो. केंद्र में अगर कांग्रेस की सरकार रहती तो उनकी पहली प्राथमिकता वैक्सीन लगवाने की होती.
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ये बेहद महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. जिसके तहत लुटियंस दिल्ली में अंग्रेजों के बनाए 3.2 किलोमीटर की पट्टीनुमा इलाके को पुनः विकसित किया जाएगा. प्रोजेक्ट के लिए कई सरकारी इमारतों को ध्वस्त कर, नई सरकारी इमारतें और ऑइकॉनिक लैंडमार्क्स को दोबारा बनाया जाएगा. इसके साथ ही प्रोजेक्ट में नए संसद भवन का निर्माण किया जाएगा, जिस पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.