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चाईबासाः राजभवन घेराव करने जा रहे सहायक पुलिसकर्मियों को जिला पुलिस बल ने रोका, वापस लौटने का किया आग्रह

चाईबासा से 200 की संख्या सहायक पुलिसकर्मी रांची स्थित राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन करने जा रहे थे, जिन्हें पुलिस बल ने चक्रधरपुर सड़क मार्ग स्थित खूंटपानी में रोक दिया. पुलिसकर्मियों का कहना है कि मुख्यमंत्री की ओर से किसी भी प्रकार का आश्वासन या जवाब नहीं मिल रहा है. इसलिए वह पदयात्रा करने रांची जा रहे थे.

demonstration of assistant police personnel
सहायक पुलिसकर्मियों को जिला पुलिस बल ने रोका

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Published : Sep 11, 2020, 4:36 PM IST

चाईबासा:अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने रांची राजभवन जा रहे सहायक पुलिसकर्मियों को जिला पुलिस बल ने चाईबासा चक्रधरपुर सड़क मार्ग स्थित खूंटपानी में रोक दिया. जिला पुलिस बल ने अपने ही सहायक पुलिस कर्मियों को रोकने और उन्हें मनाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और घंटों वापस लौटने का आग्रह करते रहे.

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पुलिस ने सहायक पुलिसकर्मियों को रोकापूरे राज्य में पुलिस विभाग में अनुबंध के आधार पर कार्य करने वाले हजारों सहायक पुलिसकर्मी अपनी सेवा नियमित और कई मांगों को लेकर आंदोलित हो गए हैं. इसी कड़ी में पश्चिम सिंहभूम जिले से भी लगभग 200 की संख्या सहायक पुलिसकर्मी रांची स्थित राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन करने जा रहे थे. इसकी सूचना पाकर जिला पुलिस की टीम चाईबासा चक्रधरपुर सड़क मार्ग स्थित खूंटपानी पहुंची और आंदोलित सहायक पुलिस कर्मियों को रांची जाने से रोक दिया. सहायक पुलिसकर्मी अपने हाथों में तख्ती लेकर अपनी मांगों के लिए रांची निकले थे. सेवा नियमित करने को लेकर सरकार गंभीर नहीं आंदोलनकारी पुलिसकर्मियों की मानें तो वह लंबे समय से अपनी सेवा दे रहे हैं. लेकिन वर्तमान की सरकार इनकी सेवा नियमित करने को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है. पुलिस कर्मियों का साफ कहना है कि सरकार सकारात्मक या नकारात्मक जवाब दें. उसके बाद ही वह वापस लौटेंगे जब तक सरकार लिखित आश्वासन नहीं देती है तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे. सरकार के द्वारा लिखित आश्वासन मिलने पर ही हमें न्याय मिलेगा. फिलहाल हम लोग विभाग में कार्यरत हैं.

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सरकार से नहीं मिल रहा आश्वसन
सहायक पुलिसकर्मियों ने बताया कि सभी पदयात्रा कर रांची राजभवन का घेराव के लिए जा रहे थे. साथ ही मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बातों को रखने का प्रयास कर रहे हैं. इस मामले में अब तक मुख्यमंत्री की ओर से किसी भी प्रकार का आश्वासन या जवाब नहीं मिल रहा है. इसी कारण से सभी लोग पदयात्रा कर रांची पहुंच कर राजभवन घेराव के लिए बाध्य हुए. साथ ही पुलिसकर्मियों ने कहा कि सरकार से पूरी उम्मीद है और सरकार से जवाब चाहिए या फिर मुख्यमंत्री आमने सामने बैठ कर बात करें. सरकार सहायक पुलिसकर्मियों को रखना चाहती है या हटाना चाहती है. किसी भी प्रकार का सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिल रहा है.

नहीं किया जा रहा स्थाई
सहायक पुलिसकर्मियों ने बताया कि क्षेत्र के सभी विधायक सांसद और मंत्री से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा चुके हैं. इसके बावजूद भी अब तक कोई सुनवाई होती नहीं दिख रही है, जिस कारण यह कदम उठाना पड़ रहा है. पुलिसकर्मियों ने कहा कि 2017 में यह कहकर बहाली की गई थी कि 3 वर्ष ड्यूटी करने के बाद सभी को स्थाई कर दिया जाएगा. लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई ऐसी बात सामने नहीं आयी है कि स्थायी किया जाएगा या नहीं किया जाएगा. सरकार से यह मांग करते हैं कि मांगों को पूरा करें और चाईबासा से रांची जाते हैं समय रास्ते में किसी भी तरह की अप्रिय घटना घटती है तो इसके जिम्मेदार राज्य सरकार होगी. सहायक पुलिसकर्मियों ने तख्ती में यह भी लिखा है कि जहां पर नक्सलियों का सम्मान होता है वहां वर्दी अपमानित क्यों हो रही है. राज्य सरकार सीधी नियुक्ति क्यों नहीं कर रही है. राज्य सरकार इनकी मांगों को पूरा करें और इन्हें नियमित करें.

विधि व्यवस्था को चुनौती
एसडीपीओ अमर कुमार पांडे ने कहा कि विधि व्यवस्था की दृष्टि से यह हमारे लिए एक चैलेंज है. सहायक पुलिसकर्मियों का अपना स्टैंड है और हमारा अपना स्टैंड है. लोकतंत्र में हर एक मांग जायज है. लेकिन मांग मांगने का तरीका जायज होना चाहिए. अगर यह लोग विधि व्यवस्था को चुनौती देंगे तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा. अगर यह लोग विधि के खिलाफ काम करेंगे तो हम विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे.

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