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एनीमिया एवं कुपोषण उन्मूलन के लिए विशेष अभियान, 1000 दिन तक चलेगा कार्यक्रम - video conferencing

चाईबासा में एनीमिया एवं कुपोषण उन्मूलन के लिए 1000 दिनों तक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसको लेकर सूबे के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष कार्यक्रम के क्रियान्वयन से संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए.

Anemia and malnutrition eradication
एनीमिया एवं कुपोषण उन्मूलन के लिए विशेष अभियान

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Published : Jan 4, 2021, 7:54 PM IST

चाईबासा: सूबे के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण के लिए नीति आयोग की ओर से प्रारंभ किए जा रहे विशेष कार्यक्रम के क्रियान्वयन से संबंधित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. इस दौरान बैठक में नितिन मदन कुलकर्णी एवं प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग की आराधना पटनायक एवं निदेशक राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के रविशंकर शुक्ला उपस्थित रहे. इस दौरान जानकारी दी गई कि एनीमिया एवं कुपोषण उन्मूलन के लिए इस विशेष कार्यक्रम का संचालन स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के सामंजस्य से 1,000 दिनों तक चलाया जाएगा.

बैठक में पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सभाकक्ष में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के अध्यक्षता में जिला के सिविल सर्जन डॉ.ओम प्रकाश गुप्ता, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्याम सुंदर सामढ़, जिला शिक्षा अधीक्षक अनिल चौधरी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाडिस बाड़ा सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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उपायुक्त ने बताया कि इस बैठक में राज्य के मुख्य सचिव की ओर से कई आवश्यक बिंदुओं पर दिशा निर्देश प्राप्त हुआ है. जिसके तहत जिला, प्रखंड एवं विद्यालय स्तर पर एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के लिए नोडल का चयन किया जाना है, जो कार्यक्रम के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करेंगे तथा जिला स्तर पर कार्यक्रम के प्रगति की समीक्षा के लिए जिलास्तरीय टास्क फोर्स कमेटी का भी गठन किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत लक्षित समूह 6 से 59 माह तक के सभी बच्चों, 5 से 9 वर्ष तक के सभी बच्चों, 10 से 19 वर्ष तक के सभी किशोर-किशोरियों, गर्भवती महिलाएं, धात्री माताएं एवं 19 से 49 वर्ष तक के प्रजनन आयु की महिलाएं शामिल होंगी. एनीमिया एवं कुपोषण की दर में कमी लाने के लिए दीदी-बाड़ी कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके साथ ही एनीमिया से बचाव के प्रति मनरेगा कर्मियों को भी जागरूक करते हुए एनीमिया मुक्त भारत पर विस्तृत कार्य योजना तैयार किया जाना है.

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