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यू-ट्यूब, पेन ड्राइव, गूगल के दौर में विरासत को संभाल रखे हैं त्रिलोचन, रील कैसेट पर सुनते हैं पुराने गाने - Old songs on reel cassettes

जमशेदपुर के रहने वाले और पेशे से रिक्शा चालक त्रिलोचन महतो आज भी रील के कैसेट पर पुराने गाने सुनते हैं. यू-ट्यूब, पेन ड्राइव, गूगल के दौर में त्रिलोचन ने विरासत को संभाल रखा है. 90 के दशक में ही रील के कैसे खरीदी थे जिसे आज तक संभाल रखा है.

Trilochan of jamshedpur listen to songs on reel cassette
रील कैसेट पर पुराने गाने सुनते हैं त्रिलोचन

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Published : Mar 15, 2021, 8:43 PM IST

Updated : Mar 16, 2021, 6:42 PM IST

जमशेदपुर: यू-ट्यूब, पेन ड्राइव और गूगल के दौर में कुछ लोगों ने विरासत को संजोए रखा है. ऐसे ही एक शख्स हैं जमशेदपुर के त्रिलोचन महतो. पेशे से रिक्शा चालक त्रिलोचन के पास 20 हजार से ज्यादा रील वाली कैसेट हैं. पुराने रील कैसेट पर गाना सुनने के शौकीन त्रिलोचन 90 के दशक से ही बॉलीवुड के गाने सुन रहे हैं. उस वक्त ही कैसेट खरीदी थी जिसे आज तक संभाल रखा है.

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ऐसी है गाना सुनने की दीवानगी...

त्रिलोचन बताते हैं कि पहले जब वो कैसेट खरीदते थे तब दूसरे के टेप में कैसेट डालकर सुनते थे. वह डांटता था लेकिन दीवानगी इस कदर थी कि क्या करें. सब कुछ छोड़ा लेकिन जिंदगी में रील वाले कैसेट से गाना सुनना नहीं छोड़ा. जब कोई यात्री गाने की डिमांड करता है तो रिक्शे में उसे पसंद का गाना सुनाते हैं. त्रिलोचन के रिक्शा में सफर करने वाले यात्री बताते हैं कि आधुनिक दौर में रील के कैसेट और टेप में गाना सुनने का अलग ही मजा है. सुनकर ऐसा लगता है मानो अपने दौर में लौट गए हों.

रील कैसेट पर गाना सुनने के शौकीन त्रिलोचन बताते है कि पहले पचास रुपए का कैसेट आता था लेकिन अब कहीं नहीं मिलता. त्रिलोचन बताते हैं कि कई बार कैसेट चलते-चलते उलझ जाता है. तब पेंसिल से कैसेट के रील को पीछे करते हैं. आधुनिक दौर में रील वाले कैसेट पर गाने सुनने का अलग ही मजा है.

माली हालत ठीक नहीं

त्रिलोचन का कहना है कि गानों को सुनने के लिए बैटरी चार्ज करना पड़ता है. इसमें 10 रुपए खर्च होते हैं. कई बार आस पड़ोस के लोग यू-ट्यूब पर गाना सुनने के लिए कहते हैं लेकिन रील वाले कैसट का मजा कही नहीं. पुराने गानों से मोहब्बत रखने वाले त्रिलोचन के घर की माली हालत ठीक नहीं है. कोरोना के चलते स्कूल-कॉलेज बंद है जिसके कारण सवारी नहीं मिलती है. किसी तरह घर चल रहा है. त्रिलोचन जमशेदपुर में सरकारी दफ्तरों के नीचे रहते हैं और हजारों कैसेट एक बक्से में रखा है.

Last Updated : Mar 16, 2021, 6:42 PM IST

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