सिमडेगा: जिला में एक बार फिर लकड़ी तस्करी (Wood smuggling in Simdega) का सिलसिला शुरू हो गया. कोलेबिरा वन विभाग ने भारी मात्रा में तस्करी की लकड़ी जब्त की है. सिमडेगा के कोलेबिरा वन क्षेत्र पदाधिकारी और उनकी टीम ने देर रात गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की और जलडेगा थाना क्षेत्र के लंबोई से भारी मात्रा में तस्करी के लिए ट्रक में लोड की हुई साल की लकड़ी का बोटा जब्त किया. इतनी भारी मात्रा में जब्त लकड़ियों को देख साफ अंदाजा लग रहा कि सिमडेगा में एक बार फिर लकड़ी तस्कर हावी होने लगे हैं.
सिमडेगा में एक ट्रक साल की लकड़ी जब्त, गुप्त सूचना पर प्रशासन ने की कार्रवाई - Jharkhand News
सिमडेगा में एक बार फिर लकड़ी तस्करी (Wood smuggling in Simdega) का मामला सामने आया है. कोलेबिरा वन विभाग ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए एक ट्रक साल की लकड़ी जब्त किया है. लगातार लकड़ी तस्करी का मामला सामने आने और तस्करों पर कार्रवाई नहीं होने पर कई सवाल उठ रहे हैं.
![सिमडेगा में एक ट्रक साल की लकड़ी जब्त, गुप्त सूचना पर प्रशासन ने की कार्रवाई Wood smuggling in Simdega](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-15686522-23-15686522-1656484378104.jpg)
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उठ रहे ये सवाल: इससे पहले भी जलडेगा थाना क्षेत्र से कई बार लकड़ी तस्करी की खबर सुर्खियां बनी है. कोलेबिरा वन क्षेत्र से लगातार लकड़ी तस्करी के उजागर होते मामले एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं कि तस्करी के लकड़ी तो कई बार जब्त किए जाते हैं लेकिन, कभी लकड़ी तस्करों पर बड़ी कार्रवाई क्यों नहीं होती. कोलेबिरा वन और विधानसभा क्षेत्र में हो रही लकड़ी तस्करी के पीछे कहीं बड़े लोगों का हाथ तो नहीं है. जिस कारण वन विभाग तस्करों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है. ये विचारणीय सवाल है जिसका जवाब जिला प्रशासन और जनता को तलाशने के साथ साथ जल जंगल जमीन से जुड़े जनप्रतिनिधियों को भी करनी होगी क्योंकि यह जंगल सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं, आने वाली पीढ़ी की संपति है. जिसके सहारे आने वाली पीढ़ी स्वच्छ हवा के साथ वनोपज का लाभ ले सके.