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फिल्म फेस्टिवल में सिमडेगा की नागपुरी फिल्म की इंट्री, 'बांधा खेत' बिखेरेगा जलवा - सेकेंड कोविड-19 इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ ओड़िशा

झारखंड की कला-संस्कृति दस्तक अब इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (Internationa Film Festival) में भी दे रही है. प्रदेश की नागपुरी फिल्म ओड़िशा में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में जगह बनाई है. जलडेगा जैसे छोटे से प्रखंड के युवा ने फिल्म बनाकर झारखंड के साथ-साथ देश का नाम रोशन किया है.

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फिल्म 'बांधा खेत'

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Published : Jul 15, 2021, 4:24 PM IST

सिमडेगा: हॉकी की नर्सरी कहा जाने वाला सिमडेगा, आज कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी आगे आ रहा है. जो अब तक अपनी प्रकृति की गोद से धुरंधर हाॅकी खिलाडी और बेहतरीन वनोत्पाद लोगों को जीने की राह सीखा रहे हैं. इसी सिमडेगा के छोटे से प्रखंड जलडेगा के युवा तरक्की की नई गाथा लिखने लगे हैं.

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जिला मुख्यालय से दुरूस्त प्रखंड जलडेगा जो आज तक वनोत्पाद के बदौलत आर्थिक सीढ़ीयों पर चढ़ने की जुगत लगाता रहता था. यहीं का एक युवा पुरुषोत्तम कुमार नई सोच के साथ अपने क्षेत्र में फिल्म निर्माण की संभावनाओं को एक नया आयाम दिया. उन्होंने कई शाॅर्ट फिल्म (Short Film) बनाकर आज ओड़िशा में आयोजित होने वाली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में जगह बना ली है. सेकंड कोविड-19 इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ ओड़िशा (Second Covid-19 International Film Festival of Odisha) में दिखेगी.

फिल्म का एक दृश्य

जलडेगा में बनी नागपुरी मुंडारी शॉर्ट फिल्म 'बांधा खेत' मूलत: सिमडेगा जिला के जलडेगा प्रखंड में बने नागपुरी मुंडारी शॉर्ट फिल्म का चयन सेकेंड कोविड-19 इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ ओड़िशा में किया गया है. इस फिल्म फेस्टिवल में 40 देशों से फिल्में चुनी गई, जिनमें से झारखंड की एकमात्र शार्ट फिल्म 'बंधा खेत' है. इस बात की जानकारी फिल्म के निर्देशक एनपीके ने दी. उन्होंने बताया कि यह फिल्म पिछले साल शूट की गई थी.

इस फिल्म के सारे कलाकार जलडेगा के ही रहने वाले हैं. जलडेगा मुखिया के बेटे अनुराग लुगुन ने इस फिल्म में मुख्य किरदार निभाया है. साथ ही कोलोमडेगा के विनोद कुमार साहू ने भी पहली बार अभिनय में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. फिल्म की कहानी‌ सिमडेगा के आदिवासी परिवेश में रहने वाले किसान के दर्द को बयां करती है, कि कैसे गरीब किसान अपनी जीविका के लिए अपने खेत को गिरवी रखकर अपनी पैसों का जुगाड़ करते हैं. यह फिल्म देश-विदेश के अन्य फिल्म फेस्टिवल में भी भेजी गई है.

युवा लेखक-निर्देशक पुरुषोत्तम कुमार एनपीके भी जलडेगा निवासी हैं. 25 साल के एनपीके की मां कोलोमडेगा में शिक्षिका हैं. उन्होंने अपनी दसवीं की पढ़ाई सेंट मैरिज सिमडेगा से पूरा किया और उच्च शिक्षा रांची से प्राप्त कर रहे हैं. एनपीके की अन्य नागपुरी शॉर्ट फिल्में पहले देश-विदेश के अन्य फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जा चुकी हैं. उन्हें फिल्म और थिएटर के लिए काफी सम्मान और कई पुरस्कार भी मिल चुका है. वो झारखंड के तत्कालीन राज्यपाल से भी सम्मानित हो चुके हैं.

पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिला सम्मान

उन्होंने बॉलीवुड की फिल्मों में सहायक निर्देशक का काम किया है. एनपीके वर्तमान समय में श्रेया इंटरनेशनल फिल्म प्रोडक्शन रांची में बतौर फिल्म निर्देशक के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूरा बचपन नागपुरी माटी में गुजरा. जिसके कारण वह नागपुरी फिल्मों में अपना विशेष योगदान देना चाहते हैं. उनका भारत और झारखंड सरकार की ओर से निर्मित की जाने वाली डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्देशक में भी चयन हो चुका है.

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एनपीके ने बताया कि उनकी बड़ी बजट की नागपुरी फिल्म दहलीज श्रेया फिल्म प्रोडक्शन जल्द ही उनके बैनर तले बने नागपुरी फिल्म रिलीज होगी. फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन लगभग खत्म होने को है, अक्टूबर तक रिलीज की बातें चल रही हैं. इस फिल्म के लेखक और निर्देशक भी पुरुषोत्तम कुमार ने ही किया है. यह उनकी पहली बड़ी फिल्म है, कोविड-19 के बीच में कुछ महीनों के लिए रुक गई थी. एनपीके ने बताया कि फिल्म में काम करने वाले सारे कलाकारों ने झारखंड के ही रहने वाले हैं, फिल्म के सारे उपकरण मुंबई से मंगाए गए थे.

फिल्म के निर्देशक पुरुषोत्तम कुमार

उनका कहना है कि अब वक्त आ गया है कि हमारे नागपुरी फिल्म बॉलीवुड में प्रयोग होने वाले कैमरे और लाइट से होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि दहलीज का बड़े मल्टीप्लेक्स के साथ मोबाइल थिएटर के जरिए गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा, ताकि हमारे लोग अपनी फिल्मों को देख सकें और इंटरटेन कर सके.

नई सोच के साथ युवा पीढ़ी की ओर से फिल्म के रास्ते सिमडेगा की संस्कृति को नई पहचान देने के साथ-साथ अभिनय और कला के रास्ते आर्थिक मजबूती देने की ये कवायद निश्चित रूप से प्रगतिशील सिमडेगा के आधार को मजबूती प्रदान कर एक नया मुकाम देगी.

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