सिमडेगा: बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सिमडेगा मॉब लिंचिंग मामले के बाद मृतक के परिजनों से मिलने बेसराजारा गांव पहुंचे. जहां उन्होंने मॉब लिंचिंग में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता संजू प्रधान के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद समीर उरांव, राष्ट्रीय मंत्री सह रांची मेयर आशा लाकड़ा, प्रदेश उपाध्यक्ष गंगोत्री कुजूर, पूर्व विधायक विमला प्रधान मौजूद रहीं.
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सड़क मार्ग से कोलेबिरा होते हुए बेसराजारा गांव पहुंचे जहां संजू प्रधान के परिजनों से मिलकर घटना की विस्तृत जानकारी ली. इस दौरान संजू प्रधान की पत्नी सपना देवी ने बताया कि उसके पति की हत्या साजिश के तहत की गई है. संजू घर के पास लगने वाले हाट बाजार में प्रतिबंधित मांस की खुलेआम बिक्री का विरोध करता था. जिसके बाद से गांव के कई लोगों का व्यवहार बदला हुआ था. 4 जनवरी को ग्रामसभा की बैठक के बाद सुबन बुढ़ सहित अन्य लोग उसके घर पर आएं और उसके पति संजू प्रधान को घसीटते हुए घर से थोड़ी दूर ले गए. जहां बड़ी बेरहमी से उसके साथ मारपीट की गई और फिर उसे जिंदा ही जलाकर दिया गया.
बाबूलाल मरांडी, बीजेपी नेता ये भी पढ़ें:सिमडेगा मॉब लिंचिंग: मृतक की पत्नी ने कहा- पुलिसवालों के पैरों में गिड़गिड़ा कर बचाने की मांगी भीख, सब बने रहे तमाशबीन
मृतक की पत्नी ने बताया कि मौके पर मौजूद सिमडेगा पुलिस इस पूरे मामले में मूक दर्शक बनी रही. सपना देवी ने बताया कि उसने पुलिसवालों के पैरों पर गिरकर गिड़गिड़ाते हुए अपने पति की जान बचाने की गुहार लगाई. लेकिन पुलिसवाले वीडियो बनाते रहे और किसी एक ने भी मदद नहीं की. सपना ने कोलेबिरा विधायक पर खुटकट्टी कानून के नाम पर गांव के लोगों को उकसाने का भी आरोप लगाया है.
सपना देवी ने सिमडेगा पुलिस और उसके कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए लगाते हुए कटघरे में खड़ा किया है. सपना देवी का कहना है कि पुलिसवालों ने उससे तीन सादे कागज पर दस्तखत करवाया. यही नहीं सपना का ये भी कहना है कि पुलिस ने जिन तीन लोगों लोढ़ो प्रधान, नरपति प्रधान और महेश प्रधान को गिरफ्तार किया गया है, वे निर्दोष हैं. वे लोग तो मारपीट के दौरान मौके पर थे ही नहीं. यहां तक की ग्रामसभा की बैठक में उन्हें गलत समय बता कर बुलाया गया था. वे जब बॉम्बलकेरा में निर्धारित स्थल पर ग्रामसभा की बैठक में पहुंचे, तब तक हत्यारी भीड़ उनके पति को जिंदा जला रही थी. पकड़े गए तीनों आरोपी उसके रिश्तेदार हैं. मृतक की पत्नी ने मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों के अलावा पुलिस पर सीधे-सीधे संजू की हत्या करवाने का आरोप लगाया है. उसने कहा कि पुलिस ने लोगों के साथ मिलकर उसके पति की हत्या करवाई है.
ये भी पढ़ें:सिमडेगा मॉब लिंचिंग केस पहुंचा झारखंड हाईकोर्ट, जनहित याचिका दायर कर की गई ये मांग
इस मामले पर बाबूलाल मरांडी सिमडेगा पुलिस पर जमकर बरसे और झारखंड की कानून व्यवस्था को ध्वस्त बताया. बाबूलाल मरांडी ने सिमडेगा मॉब लिंचिंग मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि हर हाल में इस पूरे मामले का पर्दाफाश होकर रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर हेमंत सोरेन चाहते हैं कि राज्य में मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो तो अविलंब पुलिस अधीक्षक शम्स तबरेज और ठेठईटांगर थाना प्रभारी को बर्खास्त करें, क्योंकि सिमडेगा पुलिस और यहां के पुलिस अधीक्षक अपराधियों को बढ़ावा देते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पूरी घटना को सुनियोजित बताया. उन्होंने कहा कि इस घटना में जितने गांव वाले दोषी हैं, उससे कहीं अधिक सिमडेगा पुलिस दोषी है. क्योंकि घटनास्थल से महज 15 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय है. मौके पर मौजूद पुलिस घटना के दौरान हवाई फायरिंग करती और ग्रामसभा होने तक ही मामले की सूचना जिला हेड क्वार्टर में देकर अतिरिक्त पुलिस बल मंगवा सकती थी. पूर्व मुख्यमंत्री ने तो यहां तक कह दिया की इस मामले पर तो ऐसा कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि यह हत्या पुलिस ने करवाई है.