सिमडेगाः बाण-गड़ी के बाद शुरू हुई धान रोपनी, किसानों ने निभाई परंपरा - सिमडेगा समाचार
सिमडेगा में किसानों ने धान रोपनी कर दी. उन्होंने परंपरा निभाते हुए पहले पाहन के हाथों बाण-गड़ी करवाई. उसके बाद खेतों में बुआई की.
सिमडेगा: मानसून की बारिश के साथ ही किसानों ने रोपनी शुरू कर दी. धान की खेती झारखंड में मुख्य रूप से होती है. जिले में विशेषकर सदान वर्ग के किसान अपने पूर्वजों की प्रथा को निभाते हुए खेतों में धान की रोपनी करते हैं.
सिमडेगा में किसाना रोपनी से पहले गांव के पाहन द्वारा बाण-गड़ी कराते हैं. परंपरा को निभाते हुए पाहन सबसे पहले धान के कुछ बिछड़ा खुद रोपते हैं. पाहन द्वारा बाण-गड़ी के बाद धान रोपनी करने वाली सभी महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर और तेल लगाकर दक्षिणा देती हैं. वहीं दूसरी ओर हल चलाने वाले पुरुषों को खेत मालिक के द्वारा दक्षिणा दी जाती है. साथ ही साथ पहले दिन सभी कामगारों को रात्रि भोजन का प्रबंध जमीन मालिक द्वारा किया जाता है.