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सिमडेगा में नवजात बच्ची का शव बरामद: सामने आई बाल संरक्षण इकाई की संवेदनहीनता

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Published : Feb 3, 2022, 10:58 PM IST

सिमडेगा में नवजात बच्ची का शव बरामद हुआ. इस नवजात बच्ची के शव को कार्टन में बंद कर फेंक दिया गया था. इस पर सिमडेगा जिला पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. लेकिन इस मामले में बाल संरक्षण इकाई की संवेदनहीनता सामने आई, क्योंकि कोई भी पदाधिकारी मौके पर नजर नहीं आया.

Newborn girl dead body found in Simdega
Newborn girl dead body found in Simdega

सिमडेगा: कोलेबिरा थाना क्षेत्र के लचरागढ़ कोंबाकेरा मोड़ के समीप गुरुवार सुबह एक नवजात बच्ची का शव बरामद किया गया है. इस नवजात बच्ची के शव को कार्टन में बंद कर फेंक दिया गया था. मामला तब प्रकाश में आया जब कार्टन में बंद बच्ची के शव को देखकर ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. मामले की सूचना पर पुलिस ने घटनास्थल पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेते हुए आगे की कार्रवाई में जुट गयी है. नवजात बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए रांची भेजा जा रहा है.

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सिमडेगा में नवजात बच्ची का शव बरामद होने के बावजूद बाल संरक्षण इकाई के पदाधिकारी और कर्मी घटनास्थल पर नजर तक नहीं आए. ना तो मामले की गंभीरता को समझते हुए थाना जाकर पूरी जानकारी लेने की जरूरत समझी. इस मामले पर बाल संरक्षण पदाधिकारी सुमित्रा बड़ाईक से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि वो स्वयं आज छुट्टी पर हैं. वहीं मामले की जानकारी ही उन्हें 3 बजे के बाद प्राप्त हुई है. जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना संबंधित व्यक्ति को दी है, साथ ही थाना में बात कर पूरी जानकारी ली है. हालांकि बाल संरक्षण इकाई से संबंधित किसी भी व्यक्ति के द्वारा मौके पर नहीं पहुंचने के सवाल पर डीसीपीओ ने चुप्पी साध ली है.

इस मामले में बाल संरक्षण इकाई की संवेदनहीनता दिखाई दे रही है. ऐसे में कई तरह से सवाल खड़े होते हैं. क्या बाल संरक्षण इकाई की पदाधिकारी छुट्टी पर होंगी तो बाल संरक्षण से जुड़े मामलों पर कार्य नहीं होंगे? अगर डीसीपीओ छुट्टी पर है तो किसी अन्य को प्रभार तो जरूर सौंपी होंगी? आखिर क्यूं इस गंभीर मामले पर बाल संरक्षण इकाई के किसी पदाधिकारी और कर्मी ने मौके पर जाकर जानकारी लेना जरूरी नहीं समझा?

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