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MGNREGA Scam in Simdega: मनरेगा में महाघोटाला, भ्रष्टाचारियों ने कल्वर्ट की बुनियाद ही कर दी गायब! - मनरेगा में लूट

सिमडेगा में मनरेगा में घोटाला हुआ है. कल्वर्ट निर्माण योजना में अनियमितता का आलम ऐसा कि करीब 22 लाख 50 हजार की लागत से बने 7 कल्वर्ट की बुनियादी ही गायब कर दी गयी. सबकुछ जानिए, ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट से.

MGNREGA scam in Simdega irregularities in construction of Culvert
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Published : Jul 9, 2023, 11:48 AM IST

Updated : Jul 9, 2023, 12:15 PM IST

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सिमडेगा: मनरेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का रोजगार उनके क्षेत्र में ही मुहैया कराया जाना है. लेकिन सिमडेगा जिले में मनरेगा की योजना में सरकारी पैसे की लूट मची है.

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ठेठईटांगर प्रखंड के कोनपाला पंचायत में मनरेगा अंतर्गत कल्वर्ट निर्माण योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है. मनरेगा में घोटाला भी ऐसा कि भ्रष्टाचारियों ने कल्वर्ट की आधार संरचना को ही गायब कर दिया. महज ढांचा खड़ा करके कल्वर्ट निर्माण में लीपापोती कर लाखों रुपये की बंदरबांट की गयी है. यूं कहें तो ठेठईटांगर प्रखंड के नौकरशाह और कर्मी लाखों की योजनाओं को हजारों में निपटाने का हुनर रखते हैं.

वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा योजना के तहत कुछ 7 कल्वर्ट कोनपाला पंचायत में स्वीकृत किए गए थे. जिसकी कुल लागत करीब 22 लाख 50 हजार रुपये है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के छोटी-छोटी बस्तियों को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे इस कल्वर्ट को भी भ्रष्टाचारियों नहीं बख्शा. बिना आधारभूत संरचना के इसका निर्माण करा दिया और पूरी योजना राशि की निकासी कर ली.

यहां तक कि कनीय अभियंता और सहायक अभियंता द्वारा इन सातों कल्वर्ट की गुणवत्ता और उपयोगिता को शून्य बताते हुए खर्च हुए राशि की रिकवरी करने की लिखित अनुशंसा 23/08/2021 को किया गया था. इसके बावजूद तकनीकी ज्ञान रखने वाले इंजीनियरों के अनुशंसा को दरकिनार कर बीपीओ और बीडीओ द्वारा एक कलभर्ट को पूर्ण दिखाते हुए योजना को बंद कर दिया गया. वहीं 6 कल्वर्ट निर्माण योजना अभी भी जारी बताया जा रहा है. इधर सभी कलभर्ट में महज ढांचा खड़ा कर पूरे पैसे की निकासी तो पहले ही की जा चुकी है.

योजना स्थल पर कार्य पूर्ण करवाने की जिम्मेदारी पंचायत सचिव जगदीश भोंय, तत्कालीन मुखिया गगन टोप्पो, रोजगार सेवक सतीश साहा, अनंत प्रसाद से लेकर जेई व ऐई सभी की होती है. कनीय अभियंता और सहायक अभियंता द्वारा योजना में वित्तीय अनियमितता का मामला पाये जाने पर खर्च राशि की रिकवरी अनुशंसा की गयी थी. इसके बावजूद तत्कालीन बीपीओ एयाजुल हक और वर्तमान बीडीओ पंकज कुमार द्वारा रिकवरी अनुशंसा को दरकिनार सरकारी राशि में वित्तीय अनियमितता करने वालों के भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की, केवल जांच टीम बनाकर मामले की खानापूर्ति कर दी गयी. वहीं 1 कल्वर्ट को पूर्ण दिखाकर योजना बंद कर दी गयी. यहां तक कि लाखों रुपये के वित्तीय अनियमितता का इतना बड़ा मामला सामने आने के बावजूद जिला के वरीय पदाधिकारियों को अवगत तक नहीं कराया गया और ना ही इसकी कोई लिखित जानकारी प्रखंड से जिला को भेजी गयी.

मनरेगा योजना में वित्तीय अनियमितता पर बीडीओ पंकज कुमार कहते हैं कि योजना में गड़बड़ी की जानकारी उन्हें भी मिली थी. जिसके पश्चात उनके द्वारा की जांच टीम का गठन किया गया था. इस घोटाले की जांच में कार्रवाई क्या हुई, इस पर वे कुछ भी कहने से बचते नजर आए. हालांकि बीडीओ पंकज कुमार खुद भी मानते हैं कि सरकारी पैसे का दुरुपयोग किसी भी परिस्थिति में माफ योग्य नहीं है.

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Last Updated : Jul 9, 2023, 12:15 PM IST

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