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मनरेगा में महाघोटाला मामले में कोलेबिरा विधायक ने लिया संज्ञान, दोषियों के खिलाफ कराएंगे कार्रवाई

सिमडेगा में मनरेगा में महाघोटाला की ईटीवी भारत की खबर पर कोलेबिरा विधायक ने संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि वे रिकवरी कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराएंगे.

MGNREGA scam in Simdega
MGNREGA scam in Simdega

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Published : Jul 12, 2023, 9:54 PM IST

नमन बिक्सल कोंगाड़ी, कोलेबिरा विधायक

सिमडेगा:जिले में मनरेगा में महाघोटाले की खबर पर कोलेबिरा विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी ने संज्ञान लिया है. विधायक ने कहा कि प्रखंड कार्यालय जाकर वे स्वयं पूरे मामले की जानकारी लेंगे. साथ ही एमबी बुक और अन्य कागजातों का मिलान कर भुगतान की जांच करेंगे. बता दें कि मनरेगा में घोटाला करते हुए भ्रष्टाचारियों ने कल्वर्ट के बुनियाद को ही गायब कर दिया है.

यह भी पढ़ें:MGNREGA Scam in Simdega: मनरेगा में महाघोटाला, भ्रष्टाचारियों ने कल्वर्ट की बुनियाद ही कर दी गायब!

विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी ने मामले में कहा कि मानक के अनुरूप स्थल पर काम नहीं पाए जाने पर निश्चित तौर पर रिकवरी कराकर दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. जरूरत पड़ी तो इस घोटाले मामले को लेकर संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों को भी लिखेंगे. विधायक ने कहा कि इस योजना से जुड़े जो भी जिम्मेवार पदाधिकारी और कर्मी हैं. उनसे रिकवरी कराना उनका दायित्व है और उसे वह निश्चित तौर पर पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि मनरेगा गांव के ग्रामीणों के लिए बनाई गई योजना है. इसमें भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वे इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं. कोलेबिरा विधानसभा क्षेत्र के सुदूरवर्ती गांव के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजना का लाभ पहुंचे इसे लेकर वे प्रतिबद्ध हैं.

ईटीवी भारत में हुई थी खबर प्रकाशित: गौरतलब हो कि बीते रविवार को ईटीवी भारत में मनरेगा में महाघोटाला वाली खबर प्रमुखता के साथ प्रकाशित की गई थी. जिसके बाद जिले में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है कि ग्रामीणों के लिए बनी इस महत्वकांक्षी योजना को कैसे भ्रष्टाचारी दीमक की तरह चट कर जा रहे हैं. ऐसे में मनरेगा का मुख्य उद्देश्य जो कि ग्रामीणों को उनके क्षेत्र में एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया जाना है, कैसे पूरा होगा.

एक ओर जहां सिमडेगा में उद्योग धंधे नहीं हैं. रोजगार की तलाश में लोग बाहर के बड़े-बड़े शहरों में पलायन करते हैं. मनरेगा उन मजदूरों और ग्रामीणों को उनके क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने का प्रमुख साधन है. ऐसे में उन मजदूरों को पलायन से कौन रोक सकेगा, जब योजना को धरातल पर उतारने वाले अधिकारी और कर्मी मिलकर घोटाला करेंगे.

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