सिमडेगा: कोलेबिरा जवाहर नवोदय विद्यालय के 177 छात्रों ने स्कूल की अव्यवस्था के कारण अपने आपको एक कमरे में बंद कर लिया. जैसे ही इस घटना की जानकारी विद्यालय प्रबंधन एवं प्रखंड प्रशासन को मिली पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया. घटना की जानकारी मिलने पर जवाहर नवोदय विद्यालय कोलेबिरा के प्राचार्य बीपी गुप्ता एवं अन्य शिक्षकों ने छात्रों को मनाने की कोशिश की. किंतु छात्रों ने उनकी बात नहीं मानी.
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घटना के कुछ देर बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी अखिलेश कुमार, अंचलाधिकारी हरीश कुमार, थाना प्रभारी रामेश्वर भगत कोलेबिरा जवाहर नवोदय विद्यालय पहुंचकर छात्रों को समझाने लगे. छात्रों ने इन पदाधिकारियों की बात भी नहीं सुनी और उपायुक्त को बुलाने की मांग करने लगे. इस पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने छात्रों को उपायुक्त सुशांत रंजन से मोबाइल के द्वारा बात करानी चाही, लेकिन छात्रों ने बात करने से मना कर दिया और कहने लगे कि जब तक उपायुक्त नहीं आएंगे हम लोग कमरे से बाहर नहीं निकलेंगे.
घटना की जानकारी मिलने पर अनुमंडल पदाधिकारी महेंद्र कुमार जवाहर नवोदय विद्यालय कोलेबिरा पहुंचे और छात्रों को समझाना चाहा. अनुमंडल पदाधिकारी की बातों को भी छात्र नहीं माने और उपायुक्त को बुलाने के लिए डटे रहे. कुछ देर बाद सिमडेगा उपायुक्त सुशांत गौरव विद्यालय पहुंचे. उपायुक्त ने विद्यालय के विभिन्न जगहों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने छात्रावास, भोजनालय, शौचालय आदि जगहों में गंदगी देखकर अपनी नाराजगी व्यक्त की. उसके बाद उपायुक्त और 15 छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बंद कमरे में घंटों बैठक हुई. जिसके बाद सभी छात्र कमरे से बाहर आए.
सिमडेगा उपायुक्त सुशांत गौरव ने घटना को काफी निंदनीय बताया. छात्रों द्वारा यह कृत्य करना अनुचित है. भविष्य में इस प्रकार की घटना अब दूसरे विद्यालय में होगी तो उस घटना का सूत्रधार इस विद्यालय के छात्र माने जाएंगे. छात्रों के साथ बैठक के बाद उपायुक्त ने विद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारियों के साथ प्राचार्य के कक्ष में बैठक की. बैठक में विद्यालय के विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया. उपायुक्त ने शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी के साथ बैठक करने के बाद प्रखंड प्रशासन को निर्देश दिया कि विद्यालय में जितने भी छात्र जो इस आंदोलन में शामिल थे. उनके अभिभावक को बुलाकर उन्हें बुधवार शाम 5:00 बजे तक घर भेज दिया जाए.
स्कूल के पदाधिकारियों के साथ बैठक करते डीसी अगर जिनके अभिभावक विद्यालय नहीं पहुंच पा रहे हैं तो ऐसे छात्र को प्रशासन के द्वारा घर पहुंचाया जाए. विद्यालय परिसर में चर्चा फैली हुई थी कि इस कांड में विद्यालय के 2 शिक्षक के द्वारा हवा दिया जा रहा है. उन दोनों शिक्षकों को उपायुक्त ने विद्यालय प्रशासन को जल्द से जल्द विद्यालय छोड़ने का निर्देश दिया. विद्यालय निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने पाया कि विद्यालय के भोजनालय के बाहर भारी मात्रा में भोजन बाहर पड़े हुए थे. जिसे देख उपायुक्त ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि अगर इन बचे हुए भोजन को गरीब को दे दिया जाता तो अच्छा होता.
उपायुक्त ने विद्यालय के छात्राओं से मुलाकात की, उन्होंने कहा आप सभी छात्रा धन्यवाद के भागी हैं. जो इस तरह के गलत काम में भाग नहीं लिया. आप लोग किसी के बहकावे में ना आयें, अच्छे से पढ़ाई करें और अपना भविष्य उज्जवल करें.