सिमडेगा: जिला मुख्यालय से लगभग 22 किमी दूर एक ऐसा धार्मिक स्थल, जहां स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम सपत्नीक पधारे थे. रामरेखा धाम श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है, जो प्राकृतिक सौंदर्य से भी परिपूर्ण है. धार्मिक दृष्टिकोण से यह धाम बहुत महत्वपूर्ण है. रामरेखा धाम में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेला का आयोजन किया जाता है.
रामरेखा धाम में 10 से 13 नवंबर तक मेला का आयोजन किया गया है. जिसकी तैयारी रामरेखा धाम विकास समिति और प्रशासनिक विभाग ने की है. कार्तिक पूर्णिमा में इस धाम के प्रति लोगों की आस्था का भव्य नजारा देखकर कोई भी अचंभित हो जाए. हजारों लोगों की उपस्थिति और जय श्रीराम के उद्घोष से गुंजायमान क्षेत्र को देखकर ऐसा प्रतीत होता है, जैसे स्वयं प्रभु दर्शन को पधारे हैं. रामरेखा की पावन धरती पर भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण के साथ वनवास के दौरान पधारे थे.
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भगवान राम ने खींची थी लकीरें
लोगों की मान्यता है कि बड़ी-बड़ी शिलाओं से ढके गुफा के अंदर छत में खींची गई लकीरें स्वयं प्रभु श्रीराम ने खींची है. इसी कारण से पावन धर्मस्थली का नाम रामरेखा धाम पड़ा है. प्रभु राम ने अपने 14 वर्षों के वनवास काल के दौरान कुछ समय यहां भी गुजारे थे.
कई पुरातात्विक संरचना मौजूद
रामरेखा धाम में ऐसे कई प्रमाण हैं, जिससे यहां पुरातात्विक संरचनाओं का पता चलता है. यहां पर सीता चूल्हा, गुप्त गंगा, भगवान के चरण पादुका आज भी मौजूद हैं. वनवास के दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम इसी रास्ते से होकर गए थे. रामरेखाधाम परिसर में प्रभु श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान के अलावा भगवान शंकर की प्रतिमाएं हैं.
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कार्तिक पूर्णिमा में अन्य समुदाय के लोग भी दर्शन को आते हैं
वैसे तो यहां पूजा के लिए हर दिन श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन कार्तिक मेले के समय में पूर्णिमा के मौके पर बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं. झारखंड के अलावा कई राज्यों से यहां श्रद्धालु आते हैं. वैसे तो हर दिन यहां पूजा करने श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के समय में यहां हजारों की संख्या में भक्त आते हैं. हिंदुओं के अलावा अन्य समुदायों में भी रामरेखा धाम को लेकर आस्था देखी जाती है. इस अवसर पर यहां अन्य समुदाय के लोग भी पहुंचकर सुखी जीवन की कामना करते हैं. इस बार भी मेला को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. उनका कहना है कि वे पूरे साल इस मेले का इंतजार करते हैं.